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हाफिज सईद को चाचा कहता था आतंकी सैफुल्ला बहादुर अली, कबूलनामे की 15 बड़ी बातें

जम्मू-कश्मीर के उत्तरी कश्मीर में हुई मुठभेड़ में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी सैफुल्ला बहादुर अली ने जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई नए चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूछताछ में बहादुर अली ने बताया कि उसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज से दो बार मिलने का मौका मिला था.

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बहादुर अली
बहादुर अली

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जम्मू-कश्मीर के उत्तरी कश्मीर में हुई मुठभेड़ में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी सैफुल्ला बहादुर अली ने जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई नए चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूछताछ में बहादुर अली ने बताया कि उसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज से दो बार मिलने का मौका मिला था.

सैफुल्ला बहादुर अली ये भी बताया कि उसे भारतीयों से बेइंतहा नफरत है और वह उन्हें मारने आया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत अब एक डोजियर के जरिये सैफुल्ला बहादुर अली के इस कबूलनामे को पाकिस्तान के समक्ष अलग से सार्क देशों के गृहमंत्री की मीटिंग के दौरान उठा सकता है.

ये हैं बहादुर के कबूलनामे की 15 बड़ी बातें

1. वह POK में स्थित A3 कंट्रोल रूम के संपर्क में था. यहां से लश्कर का हैंडलर साजिद जट का सेकेंड इन कमांड वलीद भारत में इनको इंस्ट्रक्शन दे रहा था.

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2. A3 POK में स्थित लश्कर का कंट्रोल रूम है जिसको A3 कोड दिया गया है.

3. जब NIA ने पूछा की आपका अमीर कौन है? तो बहादुर अली ने कहा 'चाचा' जानकारी के मुताबिक चाचा कोई और नहीं हाफिज सईद है.

4. पाकिस्तान के A3 कंट्रोल रूम से उसको उत्तरी कश्मीर में 'डॉक्टर' और 'नर्स' से मिलना था. ये उनके नाम का कोड वर्ड था.

5. जब NIA ने बहादुर अली से पूछा की यहां किस मकसद से आए हो तो उसने कहा कि मै यहां मारने और मरने के लिए आया था.

6. बहादुर अली ने बताया 'हमने जो ट्रेनिंग ली है उसमें एक दो बार 'चाचा' भी आए थे.

7. बहादुर अली ने ये भी बताया की 'मैं पाकितान के रायविंड इलाके का रहने वाला हूं.'

8. अली ने बताया कि 'मैं लश्कर में फरवरी 2015 में शामिल हुआ था.'

9. हमें मुज्जफराबाद के तीमन कैंपों में ट्रेनिंग दी गई और मुझे जान-ए-फिदाई बनने के लिए तैयार किया गया. मैं अपनी मर्जी से जान-ए-फिदायी बना.

10. उसने NIA को बताया की 'साद और दर्दा भाई मुझे तीसरे ट्रेनिंग कैंप में मिले थे. वो दोनों ट्रेनिंग कैंप में मुझसे पहले आ चुके थे.'

11. हाफिज का बेटा साद को जनता था. आखिरी कैंप में तल्हा सईद भी साद से मिलने आया था. अली ने कहा कि 'मैं उनसे नहीं मिल पाया.'

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12. अली ने NIA को बताया की मुझे साद और दर्डा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद वलीद ने मिशन को पूरा करने के लिए कहा था.

13. उसने ये भी बताया कि हम एक साथ कई जगहों पर हमला करना चहते थे हमें उसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी.

14. NIA के सामने अली ने बताया की मुझे वलीद ने कहा था की लोगों को भेज रहा हूं अधूरे मिशन को पूरा करने को कहा गया था.

15. फौज को निशाना बनाना था और हाइवे पर गाड़ी को बंधक बनाने का बड़ा प्लान था.

आपको बता दें कि बहादुर अली को कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में पकड़ा गया था. इस मुठभेड़ में उसके चार साथी मारे गए थे. उसने शुरुआती पूछताछ में अपने पाकिस्तानी होने की बात कबूली है और बताया था कि वह लाहौर का रहने वाला है. 21 वर्षीय बहादुर अली अब इस समय NIA की गिरफ्त में है. और पाकिस्तान के आतंकी संगठन और उनके आकाओं पर नए-नए खुलासे कर रहा है.

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