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खतरे में पाक के परमाणु प्रतिष्‍ठान: सुरक्षा विशेषज्ञ

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि तालिबान के उग्रवाद से पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठान खतरे में पड़ गए हैं.

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि तालिबान के उग्रवाद और अफगानिस्तान युद्ध से पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठान खतरे में पड़ गए हैं.
 
वर्तमान में यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के सलाहकार स्टीफन हेडली ने कहा कि स्थिति कई कारणों से समस्या पैदा करने वाली है. हेलीफैक्स में एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के दौरान हेडली ने कहा, ''इस बारे में बेहद चिंता जताई जा रही है कि अगर सरकार को किसी तरह से नुकसान पहुंचता है तो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का क्या होगा.''
 
हेडली ने कहा कि सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले बाद बुश प्रशासन में भी इस बात को लेकर गहन चिंता फैल गई थी कि अफगानिस्तान में अमेरिका नीत सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान में अस्थिरता आ सकती है और उसके परिणामस्वरूप वहां तालिबान की सत्ता कायम हो सकती है.
 
उन्होंने कहा कि अभी तक वैसी स्थिति नहीं आई है और पाकिस्तान के परमाणु हथियार उसकी निर्वाचित सरकार के नियंत्रण में ही हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 11 सितंबर के बाद से पाकिस्तान को अपने परमाणु जखीरे पर अपना कमान और नियंत्रण बनाए रखने में पूरी मदद की है. उन्होंने कहा कि अभी तक इस जखीरे के खतरे में पड़ने की स्थिति नहीं आई है.

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