scorecardresearch
 

केरन सेक्टर में घुसपैठ में मदद के लिए हुए थे सांबा में आतंकी हमले

केरन सेक्टर में बड़ी तादाद में घुसपैठ के दो दिन बाद 26 सितंबर को चार आतंकी एलओसी पार कर के जम्मू में घुस आए. पहले इन आतंकियों ने कठुआ में पुलिस चौकी को उड़ाया और इसके बाद सांबा के आर्मी कैंप पर हमला किया.

Advertisement
X
भारतीय सेना
भारतीय सेना

केरन सेक्टर में बड़ी तादाद में घुसपैठ के दो दिन बाद 26 सितंबर को चार आतंकी एलओसी पार कर के जम्मू में घुस आए. पहले इन आतंकियों ने कठुआ में पुलिस चौकी को उड़ाया और इसके बाद सांबा के आर्मी कैंप पर हमला किया. इस हमले का मकसद सेना के मनोबल को तोड़ने के साथ-साथ उनका ध्यान भी भटकाना था ताकि पाकिस्तान से हथियारबंद आतंकियों की आसानी से घुसपैठ कराई जा सके.

Advertisement

सेना के मुताबिक सीमा पार से आए ये आतंकी पूरी तरह से प्रशिक्षित थे. जो इस बात के संकेत हैं कि इसके पीछे पाकिस्तान सेना के नियमित सैनिक और बॉर्डर एक्शन टीम का हाथ है.

शनिवार को भारतीय सेना ने चारों आतंकियों को मार गिराने तथा केरन सेक्टर के फतेहगली में एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने का दावा किया है. मारे गए आतंकियों के पास से AK- 47 राइफल्स और चार पिस्तौल बरामद किए गए.

उधर 1999 के कारगिल के बाद कुपवाड़ा में हुए सबसे बड़े घुसपैठ के 11 दिन बाद भी सेना की कार्रवाई जारी है. सेना ने इन आतंकियों को खदेड़ना शुरु कर दिया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन किसी भी तरह जम्मू में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. खुफिया एजेंसियों को इस बात की जानकारी एक टेलीफोन कॉल को इंटरसेप्ट करने से मिली और इससे संबंधित खुफिया एजेंसी का नोट मेल टुडे के पास है, जो 28 सितंबर को जारी किया गया था. इससे यह साबित होता है कि कठुआ और सांबा के हमले पूर्वनियोजित थे. एक साथ किए गए दोनों हमले का मकसद भारतीय सेना का ध्यान भटकाना था.

Advertisement

खुफिया सूत्रों के मुताबिक सांबा और कठुआ में हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित मसूद अजहर का आतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद है. खुफिया एजेंसियों ने 30 सितंबर को एक और सूचना जारी की थी कि आतंकियों का दूसरा समूह एक सुरक्षित ठिकाने पर छुपे हैं जो समय पाकर हमला कर सकते हैं.

खुफिया एजेंसियों ने एक जैश कमांडर ( जिसका कोड 88 है) और एक आंतकी (जिसका कोड H4 है) के बीच की बातचीत को इंटरसेप्ट किया है. H4 को गाइड को तौर पर भेजा गया है जो अब भी कठुआ और सांबा के क्षेत्र में मौजूद है. इस बातचीत में दो और आतंकियों का इंतजाम करने को कहा जा रहा है. माना जा रहा है कि H4 पुंछ-राजौरी का एरिया कमांडर है जो अब जम्मू के सांबा और कठुआ में शिफ्ट हो गया है.

आतंकियो के बीच बातचीत

हैलो H4, सुनाइए क्या हाल है, खैरियत है, आपकी तरफ बंदे आएंगे. उनके लिए खाने का इंतजाम कर देना, जैसा वो खाना चाहें… दो बंदे आएंगें दो-तीन दिन का काम है.

तकरीबान रात को उनको रवाना कर देना बाकी हम आगे बता देंगे.… उन्होंने करना होगा कुछ ना कुछ. और सुनाइए खैरियत है, राबिता रखना, ओके.

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक सांबा और कठुआ में हमले को चाला जा सकता था. इससे संबंधित नोट पिछले महीने जारी हुए थे. मगर इस सूचना को नजरअंदाज कर दिया गया. मारे गए आंतकियों से जिस तरह के सामान बरामद हुए हैं, उससे तो यही लगता है कि वो जाड़े से पहले हमले की पूरी तैयारी के साथ आए थे.

Advertisement
Advertisement