म्यूचुअल फंड के सभी निवेशकों को अगले साल से अपने पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) का ब्यौरा अनिवार्य तौर पर देना होगा, भले ही निवेश का आकार कितना ही बड़ा या छोटा हो.
यह पहल ‘अपने ग्राहक को जानें’ (केवाईसी) के संशोधित नियमों के तहत की गई है जिसे अगले साल से सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपनाना होगा ताकि मनी लांडरिंग निरोध नियमों का उचित ढंग से पालन सुनिश्चित हो सके.
इस समय, एक निवेशक को तभी पैन का ब्यौरा देना होता है जब उसका निवेश 50,000 रुपये या इससे अधिक हो. यद्यपि गैर.व्यक्तिक निवेश को सभी निवेश राशि के लिए पैन का ब्यौरा देना होता है.
म्यूचुअल फंडों के संगठन एंफी ने कहा कि सभी फंड हाउसों को नए केवाईसी नियमों का पालन करने को कहा गया है जिसमें पैन जैसे विवरणों का संग्रह शामिल है. इसके अलावा, फंड हाउसों को एक जनवरी, 2011 से ग्राहकों के पते का प्रमाण और फोटोग्राफ आदि का संग्रह करने को कहा गया है.