शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज नहीं रहे. मेवाती घराने के पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका में निधन हो गया. वे 90 साल के थे. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत शोक में डूब गया है.
जसराज के परिजनों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने स्थानीय समय के अनुसार सुबह 5.15 बजे अंतिम सांस ली. पंडित जसराज के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि कहां होगी, इसे लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्र सरकार के स्तर पर पंडित जसराज का शव अमेरिका से भारत लाए जाने के लिए बात हो रही है.
दृश्यम, मदारी डायरेक्टर निशिकांत कामत का निधन, हैदराबाद में ली अंतिम सांसहरियाणा के हिसार से संबंध रखने वाले पंडित जसराज के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है.
संगीत विभूति व अद्वितीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से दुख हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडितजी ने आठ दशकों की अपनी संगीत यात्रा में लोगों को भावपूर्ण प्रस्तुतियों से आनंद विभोर किया। उनके परिवार, मित्रगण व संगीत-पारखी लोगों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं!
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 17, 2020
पंडित जसराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने पंडित जसराज के निधन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि इससे भारतीय सांस्कृतिक जगत में गहरा शून्य उत्पन्न हो गया है.
The unfortunate demise of Pandit Jasraj Ji leaves a deep void in the Indian cultural sphere. Not only were his renditions outstanding, he also made a mark as an exceptional mentor to several other vocalists. Condolences to his family and admirers worldwide. Om Shanti. pic.twitter.com/6bIgIoTOYB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने भी पंडित जसराज के निधन पर दुख जताया है. गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया है.
गौरतलब है कि 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाई दी. पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व फलक पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संगीत जगत में अपने जीवन के 80 साल से अधिक समय तक सक्रिय रहे पंडित जसराज ने भारत के साथ ही अमेरिका और कनाडा में भी शास्त्रीय संगीत का परचम लहराया.Sangeet Martand Pandit Jasraj ji was an incredible artist who enriched Indian classical music with his magical voice. His demise feels like a personal loss. He will remain in our hearts forever through his peerless creations. Condolences to his family and followers. Om Shanti
— Amit Shah (@AmitShah) August 17, 2020
संगीत जगत में उनके योगदान को सलाम करते हुए अंतरराष्ट्रीय खोलीय संघ ने साल 2006 में खोजे गए हीन ग्रह 2006 वीपी 32 का नाम पंडितजसराज रखा था. पंडित जसराज को संगीत विरासत में मिली थी. उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी चार पीढ़ियां संगीत से जुड़ी रहीं. चार साल की उम्र में ही पंडित जसराज के सर से पिता का साया उठ गया था. उनके पालन-पोषण का दायित्व बड़े भाई पंडित मणिराम की देख-रेख में हुआ था.