संसद के शीतकालीन सत्र के टू जी स्पेक्ट्रम समेत विभन्न घोटालों की जेपीसी जांच की विपक्ष की मांग पर लगातार 10वें दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी और लोकसभा व राज्यसभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण गतिरोध की स्थिति बरकरार है और गुरुवार को लोकसभा तथा राज्यसभा की बैठकें शुरू होने के बमुश्किल दो मिनट के भीतर पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गयी.
जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा शुरू हो गया तब दोनों ही सदन लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
9 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में पहले दिन को छोड़कर रोज रोज होने वाले हंगामे के कारण अभी तक दोनों सदनों में न तो प्रश्नकाल हो पाया है और न ही कोई खास विधायी कार्य.
लोकसभा में गुरुवार को बैठक शुरू होते ही अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, भाजपा, शिवसेना, जदयू और अन्नाद्रमुक तथा सपा, राजद और बीजद के अधिकतर सदस्य ‘जेपीसी’ की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए.
लोकसभा में भाजपा और सपा सदस्य अपने हाथों में जेपीसी जांच कराने की मांग से संबंधित पोस्टर लिये हुए थे.
ये सदस्य 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी एवं राष्ट्रमंडल खेल सहित भ्रष्टाचार के विभिन्न मुद्दों की जेपीसी से जांच कराने की मांग पर अड़े हैं.
कांग्रेस के कई सदस्य कर्नाटक सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए अगली पंक्ति में आ गए. कांग्रेस सदस्य अपने हाथों में पर्चे लिये हुए थे जिसमें भूमि आवंटन मामले में भाजपा शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बर्खास्त करने की मांग की गई थी.
उधर राज्यसभा में भी कांग्रेस सदस्य पहली पंक्ति में आ गये. उनके हाथों में पर्चे थे जिन पर लिखा था कि ‘भाजपा का पाखंड, येदियुरप्पा के लिये दोहरे मानदंड.’