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संसद में PNB घोटाले पर संग्राम, आज बिना वोटिंग के होगी चर्चा

बैंक घोटाले के अलावा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा और कावेरी विवाद पर टीडीपी, टीआरएस, डीएमके और एआईएडीएमके के सांसद सदन की कार्यवाही में अवरोध डाल सकते हैं. सोमवार को इन सभी मुद्दों पर काफी गहमा-गहमी देखने को मिली थी.

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संसद भवन (फाइल फोटो)
संसद भवन (फाइल फोटो)

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बजट सत्र के दूसरे हिस्से का आज दूसरा दिन है. इस सत्र में अब 22 और बैठक होनी है. सोमवार के हंगामे के बाद आज लोकसभा में बैंकिंग प्रणाली और पीएनबी घोटाले पर चर्चा की जाएगी. नियम 193 के तहत इस चर्चा को मंजूरी दी गई है जिसमें वोटिंग या प्रस्ताव का प्रावधान नहीं है. चर्चा की शुरुआत रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन के प्रेमचंद्रन से होगी. इसके अलावा कई अन्य दलों के सांसद बैंक प्रणाली की अनियमितताओं पर सरकार का ध्यान दिलाएंगे.

इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं. विपक्ष नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. साथ ही त्रिपुरा में हिंसा पर भी सदन में आज हंगामा हो सकता है. वामदल इस मुद्दे को सदन में उठा सकते हैं. वहीं बीजेपी की ओर से भी सोमवार को पलटवार करते हुए पूर्व मंत्रियों के भ्रष्टाचार पर चर्चा के लिए नोटिस दिया गया था. दोनों ही ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच आज भी संसद में हंगामा के आसार हैं.

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बैंक घोटाले के अलावा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा और कावेरी विवाद पर टीडीपी, टीआरएस, डीएमके और एआईएडीएमके के सांसद सदन की कार्यवाही में अवरोध डाल सकते हैं. सोमवार को इन सभी मुद्दों पर काफी गहमा-गहमी देखने को मिली थी.

कांग्रेस ने सोमवार को पीएनबी घोटाले पर चर्चा के लिए राज्यसभा में 267 के तहत नोटिस दिया गया था. इस नियम के तहत चर्चा होती तो चर्चा के लिए अन्य कामकाज को स्थगित किया जाता है. साथ ही इसमें 168 के तहत वोटिंग और प्रस्ताव लाने का भी प्रावधान है. सभापति ने सदन में कहा था कि किसी अन्य नियम के तहत नोटिस लाया जाए, तभी उसे चर्चा के लिए मंजूरी दी जा सकती है.

इसके अलावा राज्य सभा में मोटर यान विधेयक पारित होना है इस विधेयक में परिवहन नियमों को और कड़ा करने के साथ-साथ जुर्माना बढ़ाने जैसे प्रावधान शामिल हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली आज राज्यसभा में स्टेट बैंक (निरसन और संशोधन) विधेयक पेश कर सकते हैं. सरकार की कोशिश होगी कि ये विधेयक सदन से पारित हो सके. इस विधेयक में बैंकों के विलय के बाद उनके तर्कसंगत इस्तेमाल पर जोर दिया गया है.

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