दिल्ली की हिंसा तो थम चुकी है, लेकिन राजनीति तेज हो गई है. सोमवार को संसद का सत्र शुरू हुआ तो विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरा. गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर दोनों सदनों में हंगामा हुआ. नौबत धक्का-मुक्की तक आ गई. दिल्ली हिंसा पर विपक्ष तमतमाया हुआ था और सरकार ने 1984 के दंगों को लेकर पलटवार किया.
विपक्ष के नारेबाजी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोर्चा संभाला और 1984 के सिख विरोधी दंगे का मुद्दा उछाल दिया. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जिनके कार्यकाल में 1984 जैसी घटना हुई वो आज यहां पर हंगामा कर रहे हैं. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.
बीजेपी और कांग्रेस सांसद भिड़े
लोकसभा में तो बीजेपी और कांग्रेस के सांसदों में धक्का-मुक्की तक हुई. ये भिड़ंत तब हुई जब कांग्रेस सांसद 'गृह मंत्री इस्तीफा दो' के बैनर के साथ ट्रेजरी बेंच तक जाने की कोशिश कर रहे थे. बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी और कुछ और बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
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हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी सांसदों में भिड़ंत जारी रही. ये करीब 10 मिनट तक चलता रहा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने मामला सुलझाने का प्रयास किया. जिस वक्त ये सब कुछ हो रहा था, उस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत वहां मौजूद सांसद पूरी घटना को देख रहे थे.
कांग्रेस सांसद ने लगाए मारपीट के आरोप
केरल से कांग्रेस की सांसद राम्या हरिदास ने गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला सांसद ने कहा कि जसकौर मीणा ने उनके साथ मारपीट की. जसकौर मीणा बीजेपी की सांसद हैं. सांसद राम्या हरिदास ने इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को खत भी लिखा है.
उन्होंने लिखा कि 2 मार्च को 3 बजे लोकसभा के अंदर जसकौर मीणा ने मेरे साथ मारपीट की. ये मेरे साथ फिर से इस वजह से हुआ क्योंकि मैं एक दलित हूं और महिला हूं. अध्यक्ष महोदय मैं आपसे मांग करती हूं कि आप जसकौर मीणा के खिलाफ कार्रवाई करें.
विपक्ष ने नारेबाजी के साथ सरकार को घेरा
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही संसद के दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया. लोकसभा में विपक्ष ने नारेबाजी के साथ सरकार को घेरा. विपक्ष के नारेबाजी से सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया. स्पीकर ओम बिड़ला ने शांत रहने को कहा, लेकिन शोर और बढ़ा और सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी.
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दोपहर 2 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हालात नहीं बदले. हंगामे पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि दिल्ली की घटना की चर्चा करेंगे, लेकिन लोकतंत्र के इस मंदिर में भी शांति की जरूरत है.
सदन के बाहर भी संग्राम
सदन के अंदर ही नहीं बाहर भी विपक्ष का संग्राम चलता रहा. हर दल ने अपने अंदाज में प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने बैनर-पोस्टर के साथ गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर डाली तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आंखों पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया. संसद परिसर में आम आदमी पार्टी ने गांधी प्रतिमा के सामने नारेबाजी के साथ न्यायिक जांच की मांग की.