बजट सत्र से पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.
जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण चल रहा था, तब सहारनपुर लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हाजी फजलुर्रहमान पोस्टर लेकर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
सांसद फजलुर्रहमान जिस पोस्टर को लेकर विरोध कर रहे थे, उसमें NO NRC, NO CAA और NO NPR लिखा था. बहुजन समाज पार्टी के सांसद ने कहा कि जब तक नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस नहीं हो जाता है या इसमें दूसरे समुदायों की तरह मुसलमानों को शामिल नहीं कर लिया जाता है, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे.
इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पोस्टर लेकर विरोध करते नजर आए.
#BudgetSession Trinamool's silent protest against #CAA, #NRC and #NPR during President's address in Central Hall. Silently holding up posters. Video coming soon pic.twitter.com/qOkOJwhNoy
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) January 31, 2020
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इसके अलावा संसद परिसर के बाहर मौजूद गांधी मूर्ति पर कांग्रेस पार्टी ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आज़ाद समेत कई बड़े नेता इस प्रदर्शन के दौरान उपस्थित रहे. विपक्षी नेताओं ने हाथ में ‘संविधान बचाओ’ की तख्ती ली हुई थी. इस बीच विपक्ष के नेताओं ने जामिया फायरिंग का जिक्र करते हुए 'गोली मारना बंद करो' के नारे लगाए गए.
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वहीं, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मोदी सरकार की पीठ थपथपाई. राष्ट्रपति ने सीएए को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, 'इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया गया है. भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है, लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया. विभाजन के बाद बने माहौल में महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं.'