संसद का बजट सत्र पूरी तरह से विपक्ष के हंगामे में धुल गया. जिसके बाद अब सरकार की तरफ से हंगामा कर रही पार्टियों को मनाने की कोशिश की जा रही है. हंगामे के कारण बार-बार सदन स्थगित होता गया, जिसके कारण जनता का पैसा किस तरह पानी की तरह बह रहा है. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि जब से बजट सत्र का भाग 2 शुरू हुआ है तब से दोनों सदनों में यानी कि लोकसभा और राज्यसभा के कामकाज को जोड़ लीजिए तो 1 घंटे से ज्यादा काम एक दिन में नहीं हुआ है.
सरकार की डोर टू डोर अर्जी
नींद से जागी सरकार ने अब विपक्षी दलों को मनाने और समझाने का काम शुरू कर दिया है. गुरुवार को संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, एआईएडीएमके के नेता मैत्रेयन और तेलुगू देशम पार्टी के नेता वाई एस चौधरी से मुलाकात की. तमाम आरोपों को खारिज करते हुए विजय गोयल ने कहा कि सरकार हमेशा से चाहती है कि सदन में कामकाज हो, लगभग 10 बिल राज्यसभा में पेंडिंग है और इतने ही लोकसभा में भी पेंडिंग हैं. हम चाहते हैं कि बचे दिनों में कुछ कामकाज हो सके इसलिए हम विपक्षी दल से सहयोग की अपील कर रहे हैं.
Met Leader of Opposition Sh. Ghulam Nabi Azad this evening at his residence, to seek cooperation in order to run the #Parliament in the interest of the nation. pic.twitter.com/1Pf25uUXVH
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) March 22, 2018
कौन-कौन से बिल है पेंडिंग?
आपको बता दें कि सदन में हंगामे के कारण कई बिल पास नहीं हो पाए हैं. इनमें लगभग दो दर्जन बिल शामिल हैं. इसके अलावा संवेदनशील मसलों पर चर्चा तो दूर शून्यकाल और प्रश्नकाल में भी दोनों सदनों का परफॉर्मेंस काफी निराशाजनक रहा है.
राज्य सभा में कौन से बिल लटके हुए हैं?
मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल
प्रिवेंशन ऑफ करप्शन बिल
मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन बिल
व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल समेत लगभग 10 बिल पेंडिंग है
लोकसभा में फंसे हुए बिल
डेंटिस्ट अमेंडमेंट बिल
इंस्टूमेंट अमेंडमेंट बिल
टीचर्स एजुकेशन अमेंडमेंट बिल
कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल समेत 8 बिल फंसे हुए हैं
किन मुद्दों पर आर-पार?
विपक्षी पार्टियों ने कई मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को घेरा हुआ है. सबसे पहला मुद्दा तो PNB घोटाला है जिसको लेकर लगातार विपक्षी दल घेराव कर रहे हैं और चर्चा की मांग कर रहे हैं. PNB स्कैम के मुख्य आरोपी नीरव मोदी तो विदेश भाग गया लेकिन उसका खामियाजा सड़क से लेकर संसद तक आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
आंध्र स्पेशल स्टेटस की गणित
इसके अलावा दूसरा बड़ा मुद्दा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जा मिलने का है. इसी मुद्दे के कारण NDA सरकार के एक वक्त सहयोगी रही और अब दुश्मन बन चुकी तेलुगू देशम पार्टी ने वाईएसआर कांग्रेस से जाकर हाथ मिला लिया है.
आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस दिलाने को लेकर दोनों दल लामबंद हुए तो पूरा विपक्ष उनके साथ जाकर खड़ा हो गया. आलम यह है कि दोनों का अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर के पास पड़ा हुआ है और रोज इसी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त खींचातानी मची रहती है. इन पार्टियों के अलावा अब कांग्रेस ने भी शुक्रवार को इसी मसले पर लोकसभा में नो कॉन्फिडेंस का नोटिस देकर टीडीपी के साथ संवेदना जता दी है.
इसी के साथ एआईएडीएमके के सांसदों का हंगामा भी टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों को टक्कर दे रहा है. राज्यसभा हो या लोकसभा मौका मिलते ही बैनर और पोस्टर लेकर अन्नाद्रमुक के सांसद वेल में घुस जाते हैं और उसके चलते स्पीकर या चेयरमैन को सदन स्थगित करना पड़ता है. विपक्षी दल सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह एआईएडीएमके का इस्तेमाल चर्चा से भागने के लिए कर रही है.
मोसुल में अपहरण हुए भारतीयों की मौत पर हंगामा
यह तीन मसले पर घमासान जैसे कुछ कम था तो हाल ही में 39 भारतीय नागरिकों की मौत को लेकर सियासत सभी पर हावी हो गई है. इस मसले पर सियासी रोटी सेकने के लिए सभी दल कूद पड़े हैं. एक तरफ सरकार पर तोहमत लगी कि पीड़ित के परिवार को सूचना देने से पहले विदेश मंत्री ने संसद में बयान देना ज्यादा ठीक समझा, वहीं दूसरी और विपक्षी दलों पर संवेदनहीनता के इल्जाम लगे.
इस सब शोर-शराबे के बीच पिछले 10 दिन में सदन में कामकाज ना के बराबर हुआ. सवाल वही कि अब आखरी के 1 हफ्ते में क्या जादू हो जाएगा और चुनाव के मूड में आ चुकी पार्टियां क्या अपने अहम को किनारे रख पाएंगीं?