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सांसदों के भत्ते में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को संसदीय कमेटी से मिली मंजूरी

इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद अब सांसदों को मिलने वाले भत्ते में काफी बदलाव आएगा. 1 अप्रैल 2018 से सांसदों को उनके दफ्तर के खर्च के लिए मिलने वाले “office expense” को 45000 प्रति महीने से बढ़कर 60000 कर दिया जाएगा.

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संकेतात्मक फोटो
संकेतात्मक फोटो

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संसद की ज्वाइंट कमेटी ऑन सैलरी एंड एलाउंस ने सांसदों के भत्तों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. इसके बाद सांसदों के भत्तों में इजाफे का रास्ता साफ हो गया है. आपको बता दें कि इस प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. मोदी कैबिनेट ने बीते 28 फरवरी को सांसदों के भत्ते में बढ़ोतरी के लिए नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी थी. कैबिनेट ने सांसदों को मिलने वाले 5 भत्तों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूर किया था.

इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद अब सांसदों को मिलने वाले भत्ते में काफी बदलाव आएगा. 1 अप्रैल 2018 से सांसदों को उनके दफ्तर के खर्च के लिए मिलने वाले “office expense” को 45000 प्रति महीने से बढ़कर 60000 कर दिया जाएगा.

इसके अलावा Constituency allowance को भी 45000 प्रति महीने से बढ़ाकर 70000 किया जाएगा. कमेटी की मंजूरी के बाद सांसदों को घर के फर्नीचर के लिए मिलने वाले भत्ते की लिमिट 75000 से बढ़कर 100000 हो जाएगी.

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इसके अलावा माननीयों को इंटरनेट की सुविधा के लिए भी अलग से भत्ता दिया जायेगा. इसके तहत सभी सांसदों के घर पर वाई-फाई की सुविधा का विस्तार किया जाएगा.

आगे क्या है प्रक्रिया?

सांसदों के भत्तों में बढ़ोतरी को संसद की “Joint Committee On Salary And allowance” की स्वीकृति के बाद अब इसे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू के पास जल्दी ही भेजा जायेगा. दोनों की मंज़ूरी के बाद 1 अप्रैल से सांसदों को बढ़े हुए भत्तों के साथ वेतन मिलेगा.

आपको बता दें कि संसद के बजट सत्र में विपक्षी पार्टियों के हंगामे के कारण काफी कम काम हो पाया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने हाल ही में सभापति को भत्ते कटौती को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने अपील की थी कि जिस दिन संसद में काम ना हो, तो उस दिन का भत्ता सांसदों को ना दिया जाए.

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