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मॉनसून सत्र में सहयोग के लिए विजय गोयल ने की मनमोहन सिंह से मुलाकात

मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद विजय गोयल ने कहा कि सरकार सदन में किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है.

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

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18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र को सुचारू रुप से चलाने के लिए सरकार का विपक्षी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया. इस सिलसिले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. आने वाले दिनों में विजय गोयल बाकी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.

मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद विजय गोयल ने कहा कि सरकार सदन में किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है. लेकिन सदन सुचारू रुप से चलना चाहिए. विजय गोयल का कहना है कि वह इस सिलसिले में दूसरे दलों से भी मुलाकात करेंगे और उनको सदन को सुचारू रुप से चलाने के सहयोग की अपील करेंगे.

मनमोहन सिंह ने विजय गोयल के साथ मुलाकात में उनके इन प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि जो सरकार ने संपर्क साधने का प्रयास शुरू किया है वह स्वागत योग्य है. सदन को सुचारू रुप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ताधारी और विपक्ष दोनों की है.

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विजय गोयल ने मनमोहन सिंह को बताया कि लोकसभा में 68 और राज्यसभा में 40 विधायक लंबित हैं, इसलिए 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में देशहित को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण बिलों को पारित करने के लिए सभी दलों का सहयोग आवश्यक है.  

विजय गोयल ने कहा कि वह मानसून सत्र शुरू होने से पहले दूसरे विपक्षी नेताओं से भी मिलेंगे और छह महत्वपूर्ण अध्यादेशों को पारित करवाने के लिए सहयोग मांगेंगे.

विजय गोयल ने कहा कि देशहित में मुस्लिम विवाह, मोटर वाहन विधेयक संशोधन 2017 और भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2013 को पारित कराना आवश्यक है. विपक्षी पार्टी का सहयोग मिलना चाहिए तभी यह बिल पास होंगे.

बीजेपी सांसद ने कहा कि पिछले बजट सत्र में कोई कामकाज नहीं हुआ. राज्यसभा में केवल 8% और लोकसभा में केवल 4% कामकाज हुआ, लेकिन मॉनसून सत्र में उम्मीद है कि सदन सुचारू रूप से चल पाएगा.

18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र

18 जुलाई से शुरू होने वाला मॉनसून सत्र 10 अगस्त तक चलेगा. बता दें कि बजट सत्र पूरी तरह से विपक्ष के हंगामे के कारण धुल गया था, जिसके कारण कई महत्वपूर्ण बिल पास नहीं हो पाए थे. बजट सत्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतों, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था.

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