संसद का मॉनसून सत्र की शुरुआत आज से शुरू हो रहा है. सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सदन में व्यापक चर्चा होनी चाहिए इससे देश की जनता को लाभ होगा सरकारको भी अपनी निर्णय प्रक्रिया में सदन कोे सुझावों का फायदा मिल सकेगा.
सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के अहम कामों को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे. साथ ही सबके सहयोग के साथ संसद की गतिविधि विधानसभाओं और देश की जनता के लिए मिसाल पेश करेगी. उन्होंने कहा मुझे आशा है कि सभी विपक्षी दल सदन को चलाने में सहयोग करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में कई ऐसे अहम मुद्दे हैं जिनपर व्यापक चर्चा जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश के कई भागों में वर्षा के कारण आपदा है, कई भागों में कम बरसात है और ऐसे अहम मुद्दों पर भी सदन में चर्चा लाभकारी रहेगी.
इस बार भी मॉनसून के हंगामेदार रहने के आसार हैं. कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. वहीं, केंद्र मोदी सरकार विपक्ष की रणनीति का काट ढूंढने की कोशिश में लगी है. यही कारण है कि सरकार ने सत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई और संसद में सभी मुद्दों पर बहस के लिए सहमती जताई.
मॉनसून सत्र से पहले लेटर वॉर
मॉनसून सत्र से पहले ही पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ा लेटर वॉर छिड़ गया है. महिला आरक्षण बिल पास कराने को लेकर राहुल ने पीएम को लिखी चिट्ठी लिखी है. वहीं, राहुल के खत के जवाब में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी जवाबी खत लिखकर तीन तलाक, हलाला और ओबीसी बिल पर कांग्रेस से समर्थन की मांग की है.
बीजेपी के अपने ही बन सकते हैं मुसीबत
इस संसद सत्र में एक तरफ जहां कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है वहीं, बीजेपी के लिए पार्टी के सहयोगी भी मुसीबत बन सकते हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) एससी/एसटी एक्ट पर चर्चा चाहती है. वहीं, शिवसेना ने लिंचिंग पर बहस की पूरी तैयारी में है.