संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को 11 साल पहले 13 दिसंबर को संसद पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए नौ लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों ने 13 दिसम्बर, 2001 को हुए आतंकवादी हमले के नौ शहीदों की याद में एक मिनट का मौन रखा.
लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस हमले के मुख्य दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की अपनी मांग को फिर दोहराया.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक संदेश पढ़कर हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त की. हमले में नौ लोग मारे गए थे और 15 से ज्यादा घायल हुए थे.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, 'हर 13 दिसम्बर को हम सभी राजनीतिक दलों के लिए अपनी जान देने वालों को याद करते हैं लेकिन एक प्रश्न अब भी अनुत्तरित है और वह यह है कि जिस शख्स को सर्वोच्च न्यायालय ने इस हमले का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, उसे अब तक यह सजा नहीं दी गई है.'
विपक्ष के हमले का बचाव करते हुए सरकार ने कहा कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि संसद फांसी पर निर्णय नहीं दे सकती.
गृह राज्यमंत्री आर.पी.एन. सिंह ने कहा, 'इसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया है और संसद फांसी नहीं दे सकती और भाजपा को यह समझना चाहिए कि इस सम्बंध में केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे पहले ही बता चुके हैं.'
संसद परिसर में आयोजित समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि देने वालों में राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन अध्यक्ष सोनिया गांधी व भाजपा नेता एल.के. आडवाणी शामिल हैं.