कांग्रेस ने मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक बार फिर भरोसा जताया है. दिल्ली में हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीव सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे. हालांकि पार्टी नेता उनको मनाने की लगातार कोशिश कर रहे थे और माना जा रहा है कि उनकी कोशिश कामयाब भी हो गई है.
कांग्रेस की ये बैठक संसद सत्र से पहले हुई है. बैठक में एके एंटनी, जयराम रमेश, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद थे.बैठक पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता में हुई.
बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता की नियुक्ति और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश का मामला शामिल था. बताया जा रहा है कि इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल नहीं हुईं. सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी आज रायबरेली दौरे पर हैं. रायबरेली एकमात्र ऐसी सीट है जिसे कांग्रेस ने 2019 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश में जीता है.
Core group of Congress headed by AK Antony to meet today to discuss the strategy for upcoming Parliament session. Issues related to appointment of Leader of Congress in Lok Sabha and Rahul Gandhi's unwillingness to continue as Congress President to also be discussed pic.twitter.com/2fS1UpyWiP
— ANI (@ANI) June 12, 2019
अपनी यात्रा के दौरान, सोनिया गांधी चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा करने और उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने के भी लिए तैयार हैं. सोनिया और प्रियंका गांधी दोनों व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और रायबरेली के मतदाताओं से मिलेंगी और उनका आभार व्यक्त करेंगी जिन्होंने पार्टी को अपना गढ़ बनाए रखने में मदद की.
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े रहने की स्थिति में पार्टी के सदस्य कांग्रेस के एक से ज्यादा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के अपने मॉडल को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में जुट गए थे.
पार्टी के नए उत्तराधिकारी के बारे में काफी मंथन के बाद पार्टी के सदस्यों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि कांग्रेस के दो कार्यकारी अध्यक्ष होने चाहिए, उनमें से एक अगर दक्षिण भारत से हो तो पार्टी के लिए अच्छा होगा. वहीं एक प्रस्ताव यह भी है कि कार्यकारी अध्यक्ष अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में से होने चाहिए.