नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व सहयोगी शिवसेना मोदी सरकार का साथ नहीं देगी. लोकसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान शिवसेना के सांसद वॉकआउट करेंगे. राष्ट्रवाद पर खुलकर अपनी राय रखने वाली शिवसेना गृह मंत्री अमित शाह के कुछ जवाबों से संतुष्ट नहीं है. पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में जब बिल पेश हुआ तो हमने समर्थन किया, लेकिन वोटिंग के दौरान हम वॉकआउट करेंगे.ऐसे में पार्टी का यह रुख उसकी विचारधारा से उलट है.
इस पहले सदन में बिल पर बहस के दौरान शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के कितने रिफ्यूजी भारत में रह रहे हैं, इसकी जानकारी बिल में नहीं है. गृह मंत्री ने इसका भी जवाब नहीं दिया कि जब उन्हें नागरिकता मिल जाएगी तो हमारी जनसंख्या कितनी हो जाएगी. श्रीलंका के तमिलों का क्या होगा.
Vinayak Raut,Shiv Sena: How many refugees from these six communities which are mentioned in the Bill are living in India? HM has not answered this, how much will our population increase when they get citizenship? Also, what about Tamils from Sri Lanka? pic.twitter.com/gJzUAmGEwG
— ANI (@ANI) December 9, 2019
विनायक राउत ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोगों के उत्पीड़न की बात समझ में आती है, लेकिन अफगानिस्तान से इसका संबंध है यह बात समझ में नहीं आई. शिवसेना ने कहा कि इस विधेयक में श्रीलंका को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि इस बिल से अफगानिस्तान को हटाकर श्रीलंका को शामिल किया जाए तो बेहतर होगा.
बता दें कि शिवसेना और बीजेपी का 30 साल पुराना सियासी रिश्ता भले ही टूट गया हो, लेकिन अभी भी कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिसपर उद्धव ठाकरे की पार्टी अपने पुराने दोस्त के साथ खड़ी दिखाई देती है. शिवसेना वोटिंग के दौरान भले ही वॉकआउट करेगी, लेकिन इससे पहले बिल पेश होने का उसने समर्थन किया था.