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मनमोहन पर बयान को लेकर लोकसभा से कांग्रेस का वॉकआउट

लोकसभा शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग कर रही है.

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कांग्रेस की मांग- मोदी मांगे माफी
कांग्रेस की मांग- मोदी मांगे माफी

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गुजरात और हिमाचल प्रदेश के नतीजे आ गए हैं. दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही है. इस बीच आज फिर संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. लोकसभा शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग कर रही है. कांग्रेस के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी. कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा से वॉकआउट किया है.

लोकसभा के बाद इस मुद्दे पर राज्यसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा जारी है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि इस प्रकार का बयान देकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सवाल उठाए गए हैं. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए. राज्यसभा में इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा दागी एमपी-एमएलए पर जो स्पेशल कोर्ट बनाने का फैसला है इसका मुद्दा भी उठाया गया.

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नायडू से मिले मनमोहन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मुलाकात की है. उन्होंने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिल PM मोदी के बयान की शिकायत की. वहीं वेंकैया नायडू ने भी विपक्ष को बताया कि सरकार की तरफ से भी मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर शिकायत की गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है.

वेल में घुस कर कांग्रेस सांसदों का हंगामा

कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा किया. सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग कर रहे थे, इस दौरान वे वेल में भी आ गए. कांग्रेस सदस्यों की मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी को मनमोहन सिंह पर दिए बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि चुनाव खत्म हो चुके हैं जनता में अपना मत दे दिया है अब कांग्रेस सदस्यों को हंगामा छोड़ प्रश्नकाल में शामिल होना चाहिए और अपनी सीटों पर वापस चले जाना चाहिए.

बता दें कि गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर हुई एक बैठक के दौरान मनमोहन सिंह का नाम आने पर कांग्रेस पीएम मोदी पर निशाना साध रही है. इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले संसद पहुंचे. उन्होंने वहां पर विक्ट्री साइन भी दिखाया.

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इससे पहले शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामेदार ही रही. राज्यसभा में जेडीयू नेता शरद यादव और अली अनवर की सदस्यता रद्द होने पर विपक्ष ने हंगामा किया. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में था, हमने तय किया था कि नीतीश कुमार ही हमारे सीएम चेहरा होंगे. और वोट महागठबंधन के नाम पर मांगे जाएंगे. नीतीश कुमार ने वोट महागठबंधन के नाम पर मांगा और गठबंधन को तोड़कर चले गए.

मोदी ने की थी सकारात्मक बहस की अपील

शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आम तौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम भी बदल जाता है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अभी ठंड नहीं लग रही है. लेकिन शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, 2017 में शुरू हुआ सेशन 2018 तक चलेगा. इसमें कई महत्वपूर्ण सरकार के कामकाज जो दूरगामी प्रभाव डालेंगे सदन में आएंगे.

आपको बता दें कि 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाला यह सत्र मात्र 22 दिनों का होगा जिसमें अगर छुट्टियों को हटा दें तो संसद सिर्फ 14 दिनों तक ही चलेगा. गुरुवार को जब शीतकालीन सत्र से पहले बुलाए जाने वाली सर्वदलीय बैठक हुई तो विपक्ष ने अपना इरादा साफ कर दिया. इसलिए हंगामे के आसार ज्यादा हैं और काम होने के कम.

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सरकार के लिए बिल हैं अहम

एक तरफ विपक्ष सरकार को घेरेगा तो दूसरी तरफ सरकार भी चाहेगी कि वह अपने बिलों को पास करवाए. इस सत्र में सरकार कुल 14 बिल पेश कर सकती है, इनमें सबसे बड़ा नाम है तीन तलाक को लेकर पेश किए जाने वाले बिल का. इस बिल के प्रावधान के तहत तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है.

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