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शीतकालीन सत्र: 43 बिल, 20 बैठक! इन बिलों को पास कराने पर सरकार का फोकस

इस सत्र में लाया जाने वाला सबसे अहम नागरिकता संशोधन बिल है. 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में सरकार का फोकस 39 बिलों को पास कराना है.

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शीतकालीन सत्र में बिल पास कराने पर सरकार का फोकस (फोटो: पीएम नरेंद्र मोदी)
शीतकालीन सत्र में बिल पास कराने पर सरकार का फोकस (फोटो: पीएम नरेंद्र मोदी)

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  • संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत
  • कई अहम बिलों को पेश करेगी सरकार
  • अर्थव्यवस्था समेत कई मसलों पर घेरेगा विपक्ष

महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक और अर्थव्यवस्था की मुश्किलों के बीच सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है. मोदी सरकार के सामने इस सत्र में कई बिलों को पास कराने की चुनौती है, जिसमें सबसे अहम नागरिकता संशोधन बिल है. 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में सरकार का फोकस 39 बिलों को पास कराना है. सत्र में किस बिल पर खास फोकस रहेगा और क्या है खास, जानें...

संसद में अभी कुल 43 बिल पेंडिंग हैं, इनमें 12 विचाराधीन हैं जबकि 7 को विद्ड्राल के लिए रखा गया है. 27 बिलों को पेश किया जाना है. 13 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कुल 20 बैठक होनी हैं.  

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ये बिल होंगे खास...

1.    पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल

2.    ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल, 2019 (लोकसभा से पास हो चुका है, राज्यसभा से बाकी है.)

3.    इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर रोक (प्रोडक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट) का बिल, 2019 (सितंबर, 2019 में इसको लेकर अध्यादेश आया था)

4.    इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड बिल, 2019 (ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 में बदलाव लाने वाला बिल)

5.    टैक्सेशन लॉ (एमेंडमेंट) बिल, 2019

6.    कंपनी (संशोधन) बिल, 2019 (कंपनी एक्ट, 2013 में बदलाव)

7.    चिट फंड (संशोधन) बिल, 2019 (लोकसभा में पेश किया जा चुका है, राज्यसभा में पेश होना बाकी)

8.    नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल, 2019 (इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल एक्ट, 1970 को बदलने वाला)

9.    सरोगेसी बिल, 2019

10.     जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल (संशोधन) (बिल, 2019 इस बिल के आने से कांग्रेस के अध्यक्ष का ट्रस्टी का प्रमुख होना हट जाएगा और केंद्र सरकार के पास ये ताकत आ जाएगी)

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने, महाराष्ट्र-हरियाणा के विधानसभा चुनाव और अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये संसद का पहला सत्र है. ऐसे में कई मसलों पर विपक्ष मोदी सरकार को निशाने पर ले सकता है.

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