50 हजार रुपये महीने की सैलरी, 2000 रुपये का दैनिक भत्ता, बिना किसी किराए का फ्लैट, सब्सिडी रेट पर बंगला और पति या पत्नियों को एसी फर्स्ट क्लास ट्रेन का पास, कम ब्याज दर पर कार लोन. इतना कुछ भी हमारे सांसदों के लिए काफी नहीं है. क्या एक सांसद बदल सकता है गांव?
अभी चार साल पहले की बात है जब सांसदों ने अपनी सैलरी में करीब 300 फीसदी की बढ़ोतरी करवाई. भत्ते भी दोगुने हो गए, पर उन्हें और भी चाहिए.
सांसदों की सैलरी और भत्ते का ध्यान रखने वाले संसदीय पैनल ने सरकार से 27 नई डिमांड रखी है. इसमें सस्ते होम लोन से लेकर और हर राज्य की राजधानी में सांसदों के लिए गेस्ट हाउस की बात कही गई है. इस विशलिस्ट में सांसदों के संसदीय क्षेत्र भत्ता और निजी स्टाफ की सैलरी बढ़ाने की मांग है. पैनल ने सुझाव दिया है कि सांसदों को ट्रेन में किसी भी एक साथी पैसेंजर के साथ सफर करने की इजाजत मिले. जबकि अभी उन्हें अपने पति या पत्नियों के साथ फर्स्ट क्लास ट्रेन में मुफ्त सफर करने को मिलता है. ये खबर अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने दी है.
इस पैनल ने सितंबर महीने से अब तक कुल तीन बैठक की है. उन्हें अपने सुझाव पर मोदी सरकार के जवाब का इंतजार है. आपको बता दें कि बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ इस पैनल के अध्यक्ष हैं.