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महिला आरक्षण बिल के समर्थन में आईं पार्टियां

राज्यसभा से पारित महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी मंजूरी दिलाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक अधिकार संगठनों के प्रदर्शन का समर्थन गुरुवार को कई राजनीतिक दलों ने भी किया.

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राज्यसभा से पारित महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी मंजूरी दिलाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक अधिकार संगठनों के प्रदर्शन का समर्थन गुरुवार को कई राजनीतिक दलों ने भी किया.
लगभग 322 संगठनों को मिलाकर गठित ‘अलायंस फोर थर्टी थ्री परसेंट’ ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के विधेयक को संसद के वर्तमान सत्र में पारित करने की मांग लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जिसमें कांग्रेस, माकपा, भाकपा सहित फिल्म जगत की हस्तियों और दो हजार से अधिक महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इन संगठनों की दस प्रतिनिधियों ने मांग पत्र सौंपने के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी मुलाकात का समय मांगा है.
इस अवसर पर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने कहा कि आजादी के वषरें बाद भी महिलाओं की लड़ाई हर मोर्चे पर जारी है. महिलाओं के लिए आरक्षण उनके हक की लड़ाई है. देश की महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की लड़ाई सफल रहेगी. उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के विपरीत औरतों को नौकरी और आरक्षण से दूर रखा गया है, यह एक साजिश है. इसमें नेता और धर्मगुरु भी शामिल हैं.
शर्मिला ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक जरूर पारित होगा और अगली संसद में 33 फीसदी महिलाएं लोकसभा में सदस्य बनेंगी. जो लोग महिला आरक्षण के विरोधी हैं, वे महिलाओं को संसद और राजनीति से दूर रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह सदी औरत के हक की सदी है और उनकी आजादी की सदी है इसलिए विधेयक को इसी सत्र में पारित होना चाहिए.
कांग्रेस की जयंती नटराजन ने कहा कि 14 वर्षों के संघर्ष के बाद विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ है. कांग्रेस लोकसभा से इसे पारित कराने को कटिबद्ध है. सरकार के दृढसंकल्प के कारण ही विरोध के बावजूद यह उच्च सदन में पारित हुआ. गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि जो लोग महिला आरक्षण विधेयक का कोटा में कोटा के नाम पर विरोध कर रहे हैं वे वास्तव में इसे पारित नहीं होने देना चाहते. उन्होंने कहा कि जब महिला कमजोर थी तो विरोधियों ने एससी, एसटी, ओबीसी और मुस्लिम आरक्षण की बात नहीं की. अब जब महिलाएं सशक्त होना चाहती हैं तो उनके आरक्षण का विरोध हो रहा है.
भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी इच्छाशक्ति दिखाये और राज्यसभा में पारित हो चुके महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी मंजूरी दिलाये. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में राज्यसभा से यह विधेयक मार्शल के बलबूते पारित हुआ वैसी परिस्थितियां लोकसभा में नहीं होनी चाहिए.
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण से सकारात्मक नतीजे मिले हैं. इसलिए राज्यसभा से पारित होने के बाद यह विधेयक लोकसभा से भी पारित होना चाहिए. महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने से लोकतांत्रिक परंपरा भी मजबूत होगी. इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से आयी महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये. प्रदर्शन में अभिनेत्री शबाना आजमी, माकपा सांसद झरना दास, कांग्रेस की अलका लांबा ने भाग लिया.

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