भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की नई टीम को ‘पुरानी बोतल में पुरानी शराब’ बताने के दूसरे दिन वरिष्ठ नेता शत्रुध्न सिन्हा ने अपनी आलोचना जारी रखते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी में जो कुछ हो रहा है वह इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान राजग के लिए अच्छा नहीं होगा.
पटना साहिब से भाजपा सांसद सिन्हा ने कहा, ‘मुझे गुरुवार को पटना में भाजपा कार्यकर्ता बैठक के लिए अंतिम समय में आमंत्रित किया गया था. इसलिए मैं इसमें शामिल नहीं हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘मैं 14 और 15 मार्च को पटना में था लेकिन किसी में भी मुझे 18 मार्च की बैठक के बारे में बताने का शिष्टाचार नहीं था जो काफी पहले से तय हो गयी थी. मुझे बैठक का आमंत्रण 17 मार्च की शाम को मिला, जब मैं मुंबई में था.’
सिन्हा ने कहा, ‘मैं अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता.’ साथ ही कहा कि इस हालात के लिए राजग में कुछ ‘धौंस जमाने वाले निहित स्वार्थी तत्व’ जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, ‘यह अकेला मामला नहीं है. मुझे नालंदा और राजगीर महोत्सव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया.
गांधी मैदान में महिला दिवस का कार्यक्रम हो या फिर पटना मेडिकल कालेज का रजत जयंती समारोह हो, पटना से सांसद होने के बावजूद मुझे बुलाया नहीं गया.’ सिन्हा ने कहा, ‘मुझे कई लोगों ने बताया कि यह सब कुछ राजग के बिहार से ताल्लुक रखने वाले कुछ शीर्ष नेताओं के इशारे पर जानबूझ कर किया जा रहा है, जो लोग मेरी लोकप्रियता और जनता के बीच पहुंच से असुरक्षित महसूस करते हैं.’
उन्होंने कहा कि झारखंड के हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अब सबकी निगाहें बिहार के महत्वपूर्ण चुनावों पर है लेकिन इस तरह से काम नहीं चलने वाला. पिछली बार बिहार में उनके प्रचार न करने के बावजूद राजग द्वारा राष्ट्रीय जनता दल को सत्ता से बेदखल करने की ओर संकेत किये जाने पर अभिनेता से नेता बने बिहारी बाबू ने कहा, ‘इस बार इतनी गुलाबी तस्वीर नहीं होगी.’
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की राजद के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर, नीतीश कुमार को सही समय पर राजग का मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाना और कई अन्य हालात ने पिछली बार हमारी मदद की थी. इस बार हालात वैसे नहीं हैं. सिन्हा ने कहा कि मीडिया द्वारा नीतीश कुमार सरकार के अत्यंत अच्छे प्रदर्शन को पेश करने के बावजूद कई लोग कहते हैं कि जमीनी सचाई कुछ और है. उन्होंने कहा, ‘बिहार में अभी एक रुपये का भी निवेश नहीं आया है. प्रति व्यक्ति आय रसातल पर है.’