रेलवे भी प्रधानमंत्री मोदी के कैशलेस मंत्र को अपना रहा है. इसके लिए पैसेंजर्स को स्वाइप मशीन के जरिए टिकट बुक करवाने की सुविधा दी जा रही है.
रेलवे ने इस मकसद से 10 हजार प्वाइंट ऑफ सेल यानी स्वाइप मशीनें लगाने का फैसला किया है. ये मशीनें पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम और यूटीएस काउंटर पर लगाई जाएंगी. इनके जरिए बुक होने वाले टिकट कैंसिल करने के लिए भी जरूरी गाइडलाइंस जारी की गई हैं.
ऐसे कैंसिल होंगे टिकट
एसबीआई की स्वाइप मशीनों के जरिए बुक कराए गए रेल टिकटों को कैंसिल कराने का तरीका रेलवे ने तय कर दिया है. पीआरएस और यूटीएस टिकट को ऑफलाइन तरीके से कैंसिल कराया जा सकता है. ऑफलाइन तरीके को इस्तेमाल करने से रिफंड हुई धनराशि संबंधित व्यक्ति के खाते में जाएगी. इसके लिए रेल यात्री को अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के डिटेल्स दोबारा नहीं देने होंगे.
एसबीआई की स्वाइप मशीनों से बुक हुए टिकट को कैंसल करने के लिए उपभोक्ता किसी भी पीआरएस या यूटीएस काउंटर पर जा सकता है. कैंसिल कराए गए पीआरएस टिकट पर साफ तौर पर 'इलेक्ट्रॉनिक रिफंड' लिखा जाएगा. उपभोक्ता का पैसा 7 दिनों के भीतर खाते में आ जाएगा.
IRCTC को रिफंड का जिम्मा
आईआरसीटीसी का कस्टमर केयर विभाग टिकटों की रिफंडिंग से जुड़ी शिकायतों से निपटेगा. इसके लिए आईआरसीटीसी को एसबीआई और संबंधित जोनल रेलवे से तालमेल करने का निर्देश दिया गया है.
एसबीआई के अलावा दूसरी बैंकों की स्वाइप मशीनों से जारी किए गए पीआरएस टिकटों के रिफंड के लिए भी रेलवे ने निर्देश जारी किए हैं. एसबीआई को 10,000 स्वाइप मशीनों का ठेका देने से पहले देशभर में अलग-अलग जगहों पर भारतीय रेलवे में 75 स्वाइप मशीनें पहले से लगी हुई हैं.