पासपोर्ट विवाद को लेकर कई दिनों से ट्रोलर्स के गुस्से का शिकार हो रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अब केंद्रीय मंत्रियों को समर्थन मिल रहा है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब नितिन गडकरी ने भी सुषमा के समर्थन में आवाज़ उठाई है. लेकिन इससे इतर इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुषमा से नाराज़ दिख रहा है.
विदेश मंत्रालय के रुख से सहमत नहीं संघ!
सूत्रों की मानें तो बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक बड़ा वर्ग पासपोर्ट विवाद में विदेश मंत्रालय के रुख से सहमत नहीं है. संघ के सूत्रों का मानना है कि विदेश मंत्रालय अब तक इस विवाद के सवालों का जवाब नहीं दे पाया है. संघ के सूत्रों का कहना है कि पुलिस और एलआईयू की रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय को तन्वी सेठ और उनके पति अनस के पासपोर्ट को रद्द कर देना चाहिए था.
साथ ही संघ का ये भी मानना है कि जब ये बात सामने आ गई कि तन्वी सेठ एक साल से लखनऊ के पते पर नहीं रह रही थी तो फिर पासपोर्ट कैसे जारी हुआ और अधिकारी विकास मिश्रा का ट्रांसफर अभी तक वापस क्यों नहीं लिया गया?
संघ पदाधिकारी ने किए कई ट्वीट
संघ की नाराजगी का पता संघ के दिल्ली प्रांत प्रचार प्रमुख राजीव तुली के 21 जून को किए ट्वीट से साफ हो जाता है. इस ट्वीट में उन्होने विदेश मंत्रालय के रूख पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि सुषमा स्वराज कानून से बड़ी नहीं हैं-
विकास मिश्रा को न्याय मिलने चाहिए। विक्टिम कार्ड और ऊपर तक पहुंच इससे इतर भी दुनिया है। @SushmaSwaraj आप काननों से ऊपर नहीं हैं। आशा है आप अपने इस अधिकारी की बात भी सुनेंगी। और पूरे मामले की जांच होगी https://t.co/cFaCSaoNY0
— rajiv tuli (@rajivtuli69) June 22, 2018
राजीव तुली ने 2 जुलाई को विदेश मंत्रालय के रवैए को बैड गर्वेनेंस तक कह डाला.
Governments may come n go, ministers @SushmaSwaraj ji may come n go but policies & procedures should not be bypassed, should remain supreme. It is really bad governance. https://t.co/yoBCZGUsle
— rajiv tuli (@rajivtuli69) July 2, 2018
जब इस बारे में विदेश मंत्रालय के सूत्रों से बात की गई तो उन्होने कहा कि पासपोर्ट विवाद पर जो प्रशासनिक सवाल उठाए गए हैं उसका जवाब समय पर प्रशासनिक स्तर पर दिया जाएगा.
वहीं बीजेपी की चुप्पी का सबसे बड़ा कारण ये है कि जो लोग पासपोर्ट विवाद पर सुषमा के ऊपर सवाल उठा रहे हैं, वे पार्टी की विचारधारा के समर्थक हैं. वे पार्टी और संघ के साथ सरकार से जुड़े मुद्दों को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठाते रहे हैं. ऐसे में पार्टी का मानना हैं कि उनका विरोध करना सियासी तौर पर मुनासिब नहीं होगा.
लेकिन मंगलवार को सुषमा स्वराज की ट्रोलिंग पर मीनाक्षी लेखी ने कहा, सोशल मीडिया पर बहुत अभद्र व्यवहार हो रहा है. सुषमा जी तो खुद सबको प्रोटेक्शन देने वाली हैं. उनको प्रोटेक्शन देने की जरूरत नहीं है.
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज पिछले कई दिनों से ट्रोलर्स के निशाने पर हैं. ट्विटर पर उनके खिलाफ कई तरह के ट्वीट किए जा रहे हैं, इनमें से कई ट्वीट को सुषमा ने लाइक भी किया. उन्होंने एक पोल चलाकर इन ट्वीट पर लोगों की राय भी मांगी थी.