केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने मंगलवार को सभी पार्टियों के 166 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सांसदों को रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा है. पासवान डिनर डिप्लोमेसी के तहत दलित को सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण मिले, इस पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है.
दरअसल संविधान में 1977 में इंडियन ज्युडिसरी सर्विस को इंडियन सर्विसेज में जोड़ने के लिए संसद में संशोधन पास किया गया था. लेकिन अदालत के विरोध के बाद इसे अभी तक कानूनी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. मोदी सरकार जल्द ही इंडियन ज्यूडिसरी सर्विस के इप्लीमेंटेंशन को लेकर राज्य सभा में एक प्रस्ताव लाएगी. इस प्रस्ताव पर आम सहमति बने इस भी सांसदों के बीच चर्चा होगी.
मतलब साफ है कि पीएम मोदी और अमित शाह यूपी में बिहार जैसी गलती नहीं दोहराना चाहते हैं. इस लिए चुनाव से पहले मोदी सरकार सबसे बड़े दलित चेहरा राम विलास पासवान के जरिये सभी SC/ST सांसदों की मीटिंग में प्रमोशन में आरक्षण और इंडियन ज्यूडिसरी सर्विस में आरक्षण पर आम सहमति बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती प्रमोशन में रिजर्वेशन की मांग लंबे समय से कर रही हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस शीतकालीन सत्र में या फिर बजट सेंशन की शुरुआत में मोदी सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर संशोधन बिल संसद में ना लेकर आ जाए. पीएम मोदी ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि इसका विरोध कोई पार्टी नहीं करेगी. अगर बिल संसद से पास होता है तो इस सबसे ज्यादा फायदा चुनाव में बीजेपी को होगी.