पतंजलि योग पीठ (ट्रस्ट) असम के चिरांग जिले में पतंजलि पंचगव्य अनुसंधान केंद्र बना रहा है. रविवार को स्वामी रामदेव के सहयोगी और योग गुरु आचार्य बालकृष्ण ने इसका उद्घाटन किया.
असम के बोडोलैंड स्वायत्त परिषद (बीटीसी) के अंतर्गत चिरांग जिले के रौमारी में यह अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा. स्वामी रामदेव की पतंजलि योग पीठ असम में पहला और सबसे बड़ा पतंजलि पंचगव्य अनुसंधान केंद्र की स्थापना कर रहा है. फिलहाल यहां निर्माण कार्य तेजी पर है. पतंजलि योग पीठ और बीटीसी सरकार के बीच इस बाबत एक समझौता हुआ है जिसके तहत पतंजलि को तीन हजार एकड़ जमीन लीज पर मुहैया कराई गई है. यह अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रहीं स्वदेशी गायों और विषमुक्त कृषि उत्पादन के क्षेत्र में रिसर्च करेगा. स्वदेशी नस्ल की गायों और उनके दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र पर गहन अनुसंधान किया जाएगा. पांच तत्वों पर अनुसंधान करने के कारण ही इसका नाम पंचगव्य रखा गया है.
इस रिसर्च का लक्ष्य है स्वदेशी नस्ल की गायों को बचाना, उनके दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना. इसके साथ ही गोमूत्र से अलग-अलग बीमारियों में क्या मदद मिल सकती है यह पता लगाना. खेती के लिए रासायनिक कीटनाशकों की जगह प्राकृतिक खाद मुहैया कराने पर भी अनुसंधान केंद्र का जोर रहेगा. आचार्य बालकृष्ण ने अपने संबोधन में कहा, इस अनुसंधान केंद्र से न सिर्फ स्थानीय लोगों को लाभ होगा बल्कि उग्रवाद से जूझ रहे बोडोलैंड में भी शांति का माहौल बनेगा. हमारी कोशिश होगी कि हमारे अनुसंधान केंद्र से अधिक से अधिक स्थानीय लोग लाभ उठा सकें.'