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इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, अब तक 133 लाेगों की मौत, मृतकों के परिजनों को 12.5 लाख मुआवजा

इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. ट्रेन की 14 बोगी कानपुर के पास पुखरायां में पटरी से उतर गई. हादसे में अब तक 126 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई अन्य घायल हैं.

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14 बोगी कानपुर के पास पटरी से उतर गई
14 बोगी कानपुर के पास पटरी से उतर गई

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उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर से पटना जा रही दुर्घटनाग्रस्त हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस में अब तक मृतकों की संख्या 133 हो गई है. कानपुर के एसपी ने ये जानकारी दी. जबकि करीब 60 गंभीर रूप से घायल हैं और 150 लोगों को हल्की चोटें आई हैं. पटरी में दरार की आशंका के चलते ट्रेन के उतरने की आशंका जताई जा रही है. हादसे के बाद कुछ कोच पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए हैं. घटनास्थल पर मौजूद सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं. फिलहाल प्रधानमंत्री राहत कोष, रेलवे, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकारों ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है.

चार जगहों से मुआवजे का ऐलान
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पीड़ितों को मुआवजे का ऐलान किया है. मृतकों के परिजनों को 3.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. हादसे में गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50 हजार जबकि मामूली रूप से जख्मी लोगों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे. दूसरी तरफ यूपी सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार जबकि मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने भी पीड़ितों को मुआवजे का ऐलान किया है. मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायलों को 50-50 रुपये दिए जाएंगे. य रकम रेलवे की तरफ से दिए जा रहे मुआवजे से अलग होगी. मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है.

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ट्रेन इंदौर से पटना जा रही थी. कई यात्री अब भी बोगियों में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने का काम तेजी से चल रहा है. रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा हालाज का जायजा लेने के लिए घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के सदस्यों को भी घटनास्थल का जायजा लेने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि इस बारे में उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से बात की है, जो इस पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर पर बताया कि मौके पर राहत कार्य चल रहा है. मेडिकल और जरूरी मदद भेज दी गई है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

पटरी से उतरी ट्रेन, देखें हादसे की दर्दनाक तस्वीरें

रेलवे ने यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. सुरेश प्रभु ने ये हेल्पलाइन नंबर ट्वीट किए हैं.

सुरेश प्रभु ने दिए जांच के आदेश
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे की वजह जानने के लिए भी जांच शुरू की जाएगी. प्रभु ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. राजनाथ सिंह भी सुरेश प्रभु के साथ लगातार संपर्क में हैं.

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दुर्घटना सुबह 3.10 बजे पुखरायां और मलासा के बीच हुआ . ट्रेन का नंबर 19321 है. घटना के बाद कानपुर और झांसी से मेडिकल रिलीफ ट्रेन और एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेनें भेजी जा रही हैं.

दुर्घटना की वजह से कुछ ट्रेनों को कैंसिल और कुछ को डायवर्ट कर दिया गया है.

कैंसिल्ड ट्रेन- 11109 झांसी-लखनऊ इंटरसिटी, 51803 झांसी- कानपुर पैसेंजर.
डायवर्टेड ट्रेन- 12542, 12522 - आगरा और कानपुर से होकर. 12541 भीमसेन, बांदा, इटारसी से होकर. 12534 ग्वालियर और इटावा से होकर.

छत्तीसगढ़ में पटरी से उतरी मालगाड़ी
छत्तीसगढ़ में भी एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई है. ये घटना सिलियारी और मंधार के बीच हुआ. घटना की सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई है.

लोगों की कमी है रेल हादसों की वजह
एक तरफ रेल हादसों से लोगों की जिंदगियां जा रही हैं और दूसरी तरफ ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने बताया है कि मौजूदा दौर में हो रही रेल दुर्घटनाओं की वजह रेल सुरक्षा में मानव संसाधन की कमी है.

रेलवे में खाली हैं लाखों पद
फेडरेशन के मुताबिक रेल मंत्रालय का विजन स्पष्ट नहीं है. रेलवे के सेफ्टी और सेक्यूरिटी डिविजन में करीब डेढ़ लाख पद खाली हैं. वहीं NCR डिविजन में दो हजार गैंगमैन के पद खाली हैं. रेल सुरक्षा से जुड़ी काकोड़कर समिति की रिपोर्ट को अभी लागू करना बाकी है. साथ ही रेलवे में बचाव और सुरक्षा के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपयों की दरकार है, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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रतन टाटा की अध्यक्षता में कायाकल्प समिति बनाई गई थी. पिछले साल इस समिति की बैठक में सुरक्षा को लेकर कई बातें की गई थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उस दौरान रतन टाटा की तबीयत ठीक नहीं थी और अब उनके पास वक्त की कमी है.

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