भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के लिए सिर्फ केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता. आम लोगों की परेशानियों के लिए पूरी सरकार जिम्मेदार है.
पार्टी के बुधवार के आंदोलन के पूर्व संवाददाता सम्मेलन में गडकरी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की ‘गलत आर्थिक नीतियों और कुशासन’ भी महंगाई के लिए जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि पवार को बरी नहीं किया जा सकता लेकिन कैबिनेट सुप्रीम है और उसके प्रमुख होने के नाते मनमोहन सिंह सोनिया गांधी तथा वित्त एवं वाणिज्य मंत्री भी आम आदमी की दुश्वारियों के लिए जिम्मेदार हैं.
भाजपा ने कहा कि महंगाई के खिलाफ उसके राष्ट्रव्यापी आंदोलन में अगर वाम या अन्य दल आगे आते हैं तो उनका स्वागत है.
{mospagebreak}यह पूछे जाने पर कि क्या आंदोलन सिर्फ भाजपा का है या राजग के अन्य घटक भी शामिल हैं, गडकरी ने कहा, ‘महंगाई के खिलाफ आंदोलन राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि गरीबों के अस्तित्व के लिए संघर्ष है. हम वाम और अन्य दलों के समर्थन का स्वागत करेंगे.’ गडकरी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में अनाज गोदामों का दौरा किया और देखा कि उनकी हालत जीर्ण है. उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर गोदामों का रखरखाव नहीं किया जा रहा है. उन्होंने इस संबंध में जांच की भी मांग की. महंगाई पर संप्रग सरकार के खिलाफ 14 सूत्री ‘आरोप पत्र’ पेश करते हुए गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ 21 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस दावा करती है कि वह गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है लेकिन उसके कार्यकाल में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 41 करोड़ तक पहुंच गयी है और उनमें से 75 प्रतिशत संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति तथा अल्पसंख्यकों की है.
गडकरी ने आवश्यक वस्तुओं के वायदा कारोबार को लेकर भी सरकार की खिंचाई की.