कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा न लेने के पीडीपी के फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को राजनीति से ऊपर उठकर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने और पृथकतावादी तत्वों को अलग थलग करने में मदद करनी चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा ‘‘हर वैसे राजनीतिक दल का, जो मुख्यधारा का अंग है, उसका उत्तरदायित्व एवं कर्तव्य बनता है कि वह सियासत से ऊपर उठकर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करे और पृथकतावादी तत्वों को अलग थलग करे.’’
तिवारी ने कहा कि 1996 से जब राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई थी, लोकतंत्र का विस्तार हुआ है और लोग मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भरोसा रखने वाले सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि वह प्रक्रिया मजबूत करे और पृथकतावादी एवं अलगाववादी तत्वों को अलग थलग करने में मदद करे.{mospagebreak}इससे पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई, जबकि बैठक में विपक्षी पीडीपी शामिल नहीं हुई.
बैठक में सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, माकपा और भाजपा समेत प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया. इस बैठक से भीम सिंह के नेतृत्व वाली जेके पैंथर्स पार्टी अलग रही.
राज्य के मुख्यमंत्री ने स्थिति के व्यापक आकलन और लोगों की बेहतरी के लिए संयुक्त रूप से एक खाका तैयार करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती कहती रहीं कि इस बैठक से कोई परिणाम नहीं निकलेगा और इसमें शामिल होने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राज्य के मुख्यमंत्री की अपील को ठुकरा दिया.