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महाराष्‍ट्र सरकार से लोग परेशान हैं: उद्धव

उद्धव ठाकरे का कहना है कि महाराष्‍ट्र की कांग्रेस-एनसीपी सरकार से लोग परेशान हो चुके हैं और सरकार ने कुछ खास काम भी नहीं किया है. महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसको लेकर राज्‍य में सियासी माहौल बहुत गर्म है.

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आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में इंडिया टुडे ग्रुप के ग्रुप एडिटर प्रभु चावला ने शिवसेना के कार्यकारी अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे से बात की. महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसको लेकर राज्‍य में सियासी माहौल बहुत गर्म है.

शिवसेना चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है
उद्धव ठाकरे का कहना है कि पिछले 10 साल से राज्‍य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार है. राज्‍य के लोग सरकार से परेशान हैं और सरकार ने कुछ खास काम भी नहीं किया है. उन्‍होंने कहा कि किसान आत्‍महत्‍या कर रहे हैं लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने विकास के मौके गंवाए हैं और विदेशी निवेश भी नहीं आया है. लोकसभा चुनाव में शिवसेना की हार के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्‍ट्रीय मुद्दों पर लड़े गए थे और लोगों ने प्रधानमंत्री चुनने के लिए वोट दिया था, शायद इसलिए शिवसेना हार गई. लेकिन महाराष्‍ट्र के चुनाव में स्‍थानीय मुद्दे हावी रहेंगे. उद्धव ने कहा कि शिवसेना चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है.

बाला साहब तय करेंगे कौन होगा सीएम
उद्धव विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बीजेपी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को नहीं बुलाना चाहते. उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार में आडवाणी न भी आए तो चलेगा. लेकिन उनकी सरकार बनने के बाद वो उन्हें यहां जरूर बुलाएंगे. राज ठाकरे के मामले पर उन्‍होंने कहा क‍ि घर के भेदी ने खेल बिगाड़ा है और जनता अब घर के भेदी को जान गई है. उद्धव ने कहा कि वह मुख्‍यमंत्री पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि महाराष्‍ट्र को बदलने के लिए लड़ रहे हैं. उन्‍होंने यह भी कहा कि सीएम बनना उनका सपना नहीं है और बाला साहब ही तय करेंगे कि कौन होगा मुख्‍यमंत्री.

कोई भी बाला साहब की तरह नहीं हो सकता
उन्‍होंने कहा कि बाला साहब पार्टी के लिए सेनापति की तरह हैं जबकि बाकी लोग सैनिक हैं. राज ठाकरे द्वारा मराठी मानुष के मुद्दे को छीन लिए जाने की बात पर उद्धव ने कहा कि शिवसेना रिजनल के साथ ही ओरिजनल है. उत्तर भारतीयों के मुद्दे पर उन्‍होंने कहा कि कई राज्‍य सरकारें अपने लोगों को काम और सुविधा नहीं दे रही है इसलिए उत्तर भारतीय अपने राज्‍यों से बाहर निकल रहे हैं. ये उन राज्‍य सरकारों की नाकामी है. जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वो खुद को बाला साहब की तरह समझते हैं तो उन्‍होंने कहा कि बाला साहब बाला साहब हैं और कोई भी बाला साहब नहीं बन सकता.

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