देश में स्वाइन फ्लू सबसे अधिक 30 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और इस बीमारी का शिकार होने वाले 34 फीसदी मरीज इसी आयु वर्ग के थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस बीमारी से हुई मौतों के 723 मामलों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि 34 फीसदी मौतें 30 से 45 वर्ष आयु वर्ग में हुई और इसके बाद 32 फीसदी लोग 45 से 60 वर्ष आयु वर्ग के थे, जो इसके चलते मौत के मुंह में समा गए.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एच1एन1 के कारण हुई मौतों का आयु और लिंग के आधार पर विश्लेषण किया था. इसमें पाया गया कि 17 फीसदी मौतें 18 से 30 वर्ष की आयु वर्ग जबकि, 12 फीसदी मौतें 60 वर्ष और उससे अधिक की उम्र के लोगों की हुई. इसमें यह भी देखा गया कि कुल मौतों में से 50, 35 फीसदी महिलाएं थीं. पुरुषों का आंकड़ा 49.65 फीसदी था.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 17 मार्च तक की स्थिति के अनुसार 1809 लोग स्वाइन फ्लू के कारण मौत का शिकार हुए और विभिन्न राज्यों में प्रभावित लोगों की संख्या 30766 थी.
इनपुट: भाषा