पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने देश में कम हो रहे ऊर्जा स्रोतों पर चिंता जाहिर करते हुए गुरुवार को कहा कि देशवासियों को घरेलू सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे समस्या का काफी हद तक समाधान होगा. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में 20वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ‘मिसाइल मैन’ ने यह विचार व्यक्त किए.
‘भारत रत्न’ डॉ. कलाम ने कहा कि जीवन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने के लिए मस्तिष्क का सृजनात्मक होना जरूरी है. उन्होंने बाल वैज्ञानिकों को इससे प्रेरणा लेने की बात कही और बताया कि ऐसा करने से ही वे नयी-नयी खोज और आविष्कार कर सकते हैं. विज्ञान में कुछ भी असंभव नहीं है, इसके लिए निश्चित दिशा में निरंतर प्रयास करने की जरूरत है. डॉ. कलाम ने देशभर में चल रहे वैज्ञानिक कार्यों का जिक्र करते हुए बिहार की प्रशंसा की और कहा कि विज्ञान का भविष्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण है. इस दौरान उन्होंने बच्चों को प्रेरित करने वाले शपथ भी दिलाई.
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे एनसीएसटीसी नेटवर्क के अध्यक्ष व सुविख्यात वैज्ञानिक प्रो. यशपाल ने कहा कि 20 सालों से देशभर में बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन हो रहा है. इस पांच दिवसीय कांग्रेस में भारत के भिन्न राज्यों और एशियन देशों के सात सौ से ज्यादा बच्चे भाग ले रहे हैं.