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‘बाबूगिरी’ की परीक्षा में किताब लेकर आने की इजाजत

परीक्षा में नकल करने के मकसद से किताब लेकर आने पर अब तक भले ही पाबंदी रही हो लेकिन बिहार की नीतीश सरकार अब ‘प्रयोग’ के नाम पर परीक्षार्थियों को ऐसा करने की छूट आधिकारिक तौर पर देने जा रही है.

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परीक्षा में नकल करने के मकसद से किताब लेकर आने पर अब तक भले ही पाबंदी रही हो लेकिन बिहार की नीतीश सरकार अब ‘प्रयोग’ के नाम पर परीक्षार्थियों को ऐसा करने की छूट आधिकारिक तौर पर देने जा रही है.

बिहार कर्मचारी चयन आयोग की ओर से सचिवालय सहायक, आपूर्ति निरीक्षक और कनीय सांख्यिकी सहायक जैसे पदों पर भर्ती के लिए ली जाने वाली ‘स्नातक स्तरीय प्रथम प्रारंभिक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2010’ में परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में किताब लेकर आने की इजाजत दी गयी है.

राज्य सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी और बिहार कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक की गयी एक अधिसूचना के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को अपने साथ एक किताब लेकर आने की इजाजत होगी.

वेबसाइट पर प्रकाशित अधिसूचना में कहा गया है ‘‘प्रारंभिक परीक्षा पुस्तक सहित ली जाएगी यानी परीक्षार्थी चाहे तो अपने साथ पुस्तक ले जा सकते हैं. प्रत्येक खण्ड के लिए एक ही पुस्तक ले जाने की छूट होगी. हस्तलिखित या छायाप्रति ले जाने की अनुमति नहीं होगी.’’ परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में किताब लेकर आने की इजाजत दिए जाने के फैसले को ‘सही ठहराते हुए’ बिहार सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव दीपक कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा ‘प्रयोग’ के तौर पर कर रही है.

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विभागीय सचिव ने कहा ‘‘पहले जब परीक्षार्थियों को किताब लेकर आने की इजाजत नहीं होती थी तब कदाचार का बोलबाला होता था. इसलिए यह तय किया गया कि उन्हें एक किताब लेकर आने की इजाजत दी जाए.’’ सचिव ने बताया ‘‘बिहार कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली प्रारंभिक परीक्षा एक ‘ऐप्टीट्यूड टेस्ट’ जैसी होगी. परीक्षा में किताब लेकर आने की इजाजत के बावजूद परीक्षार्थी इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे क्योंकि उन्हें सवालों के जवाब किताबों में मिलेंगे ही नहीं.’’ कुमार ने इस बात को सिरे से खारिज किया कि नीतीश सरकार का यह फैसला बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के युवाओं को लुभाने के लिए किया गया है.

कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव ने कहा ‘‘आज कई परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा रही हैं, यदि किसी को चोरी करनी हो तो इंटरनेट की मदद से आसानी से ऐसा कर सकता है लेकिन करता नहीं है.’’ सचिव ने कहा ‘‘सरकार के इस फैसले को एक प्रयोग के तौर पर देखा जाना चाहिए. यदि प्रयोग सफल रहा तो इसे आगे की परीक्षाओं में भी लागू किया जाएगा.’’ विभागीय सचिव ने कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली ‘स्नातक स्तरीय प्रथम प्रारंभिक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2010’ में पांच से छह लाख छात्र शामिल होंगे. इस परीक्षा में प्रखंडों में भी परीक्षा केन्द्र बनाए जाएंगे.

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आयोग की ओर से ली जा रही इस परीक्षा के माध्यम से राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं..संवगो’..पदों में बहाली की जाएगी. प्रारंभिक परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा से गुजरना होगा.

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