बिहार के छपरा के स्कूल में हुआ मिड-डे मील हादसा घोर लापरवाही का नतीजा था. जिस खाने ने 23 बच्चों की जान ले ली, उसमें तेल की जगह शायद कीटनाशक डाल दिया गया था. बिहार के प्रधान सचिव ने इस बात की जानकारी दी.
प्रधान सचिव के मुताबिक शायद खाने में तेल की जगह कीटनाशक डाल दिया गया था. उन्होंने कहा कि खाना बनाते वक्त कढ़ाही में तेल डालते ही उसमें से काला धुआं निकला था. साथ ही उसका रंग भी काफी अजीब था.
उन्होंने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट शुक्रवार तक आएगी. प्रधान सचिव ने माना कि स्कूल प्रशासन से कई स्तरों पर लापरवाही हुई. रसोइए ने तेल के रंग और रिएक्शन को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया. इतना ही नहीं, मिड-डे मील को बच्चों को परोसने से पहले नियम के मुताबिक चखकर भी नहीं देखा गया था.
खाना बनाने वाली रसोइया और उसके परिवार के नौ बच्चों की इस हादसे में मौत हो गई है. इनमें उसके तीन बच्चे भी हैं. जबकि एक दूसरी रसोइए का पटना मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. प्रधान सचिव ने माना है कि खाना बनाते हुए सफाई के मानकों का ध्यान नहीं रखा गया.
घटना के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और मिड-डे मिल के रसोइए को निर्देश दिया है कि छात्रों को भोजन परोसने से पहले उसे चखकर जांच की जाए. साथ ही स्टोर के पास किसी तरह का कीटनाशक न रखें.
इस संबंध में राज्य के सभी समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि सभी स्कूल इस निर्देश का कड़ाई से पालन करें, वरना उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.