पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने बयान दिया है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए ईंधन मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाना चाहिए.
मित्रा ने बंगाल चैंबर की वार्षिक आम सभा में यहां कहा कि विभिन्न हलकों में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है. उन्होंने कहा, “ईंधन के दाम हर रोज बढ़ रहे हैं, रुपया कमजोर हो रहा है. इसका असर चालू खाता घाटे पर पड़ रहा है, जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.”
मित्रा ने कहा, “जब कच्चे तेल की कीमतें कम थी तो उस समय ईंधन मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया जाना चाहिए था, जो नहीं किया जा सका.”
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को ईंधन आरक्षित भंडार को भी मजबूत करना चाहिए. यह काम उस समय होना चाहिये था जब कच्चे तेल का दाम 33 डालर प्रति बैरल पर था.
गौरतलब है कि पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई में कुल 21 राजनीतिक दलों ने 10 सितंबर को भारत बंद बुलाया था. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस विरोध प्रदर्शन में तो शामिल हुई थी, लेकिन भारत बंद में हिस्सा नहीं लिया था.