आम आदमी पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई है. पेट्रोल जहां 1.50 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है वहीं डीजल की कीमतों में 45 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.
बढ़ी दरें शुक्रवार आधी रात से लागू होंगी. इससे पहले 17 जनवरी को पेट्रोल के दामों में 25 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी जबकि डीजल की कीमत में 45 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी.
इससे पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री पानाबाका लक्ष्मी ने कहा था कि मूल्य वृद्धि का फैसला कम्पनियां करेंगी न कि मंत्रालय. सरकार ने पिछले महीने कम्पनियों को हर माह प्रति लीटर डीजल की कीमत 50 पैसे तक बढ़ाने की अनुमति दे दी है.
इस बात के संकेत गुरुवार को इंडियन ऑयल कारपोरेशन के अध्यक्ष आर.एस. बुटोला ने भी दिए. उन्होंने बताया कि देश की सरकारी तेल कम्पनियां शुक्रवार को ईंधन मूल्यों की समीक्षा करेंगी.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आर.एस. बुटोला ने दी. बुटोला ने कहा, 'हमें मिलकर फैसला लेना है. हम शुक्रवार को इस मुद्दे पर बात करेंगे.' उन्होंने मूल्य वृद्धि की सम्भावना पर कहा, 'हम यह नहीं कहेंगे कि ऐसा करने वाले हैं, क्योंकि यह समीक्षा का विषय है. हमें कम्पनियों के बीच बात करनी है." बुटोला यहां तेल उद्योग सुरक्षा महानिदेशालय के सलाना कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे.
आईओसी के चेयरमैन आर एस बुटोला ने कहा, 'हम अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं और एक साल में लगभग 10,000-11,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे, यही खर्च है जो हम वित्त वर्ष 2014 में करेंगे. उन्होंने कहा कि आईओसी अगले पांच साल में 56,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी.
अरब क्षेत्र में संकट का असर उत्पादन पर पड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आईओसी के कुछ ब्लाक लीबिया में हैं लेकिन ये छोटे हैं जहां उत्पादन नहीं केवल उत्खनन हो रहा है. बुटोला ने कहा, 'उत्पादन पर कोई असर नहीं हुआ है. उत्खनन गतिविधियां भी बहुत ही शुरुआती चरण में हैं.