अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में कुछ गिरावट आने के बाद तेल कंपनियों ने करीब तीन साल बाद पेट्रोल के दाम 2.22 रुपये प्रति लीटर घटा दिये. उम्मीद है कि इससे महंगाई से त्रस्त आम आदमियों को दहाई अंक पर पहुंची मुद्रास्फीति के बीच आम आदमी के लिये यह मूल्य कटौती राहत लेकर पहुंची है.
नई दरें मध्यरात्रि से लागू हो जाएगी. महंगाई के कारण आलोचनाएं झेल रही संप्रग सरकार के लिए संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पेट्रोल के दाम में कटौती से कुछ राहत हो सकती है. उल्लेखनीय है कि तेल कंपनियों ने इस महीने की शुरुआत में ही पेट्रोल के दाम 1.80 रुपये लीटर की वृद्धि की थी. विपक्ष और सरकार के घटक दलों ने भी इस वृद्धि पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
तेल कंपनियों के अनुसार इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम 68.64 रुपये से घटकर 66.42 रुपये लीटर रह जायेंगे. इंडियन ऑयल कापरेरेशन (आईओसी) के अध्यक्ष आर.एस. बुटोला ने कहा, ‘हाल में दाम बढ़ाने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने पर हमें (कर छोड़कर) 1.85 रुपये लीटर का फायदा हुआ. यह लाभ हम उपभोक्ता को पहुंचा रहे हैं.’
पेट्रोल पर दिल्ली में 20 प्रतिशत वैट लगाने के बाद कुल कमी 2.22 रुपये लीटर होगी. मुंबई में मूल्य में कमी 2.34 रुपये, कोलकाता में 2.31 रुपये और चेन्नई में 2.35 रुपये लीटर होगी. जनवरी 2009 के बाद पेट्रोल के दाम में यह पहली कटौती हुई है. इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल 66.42 रुपये, मुंबई में 71.47 रुपये, कोलकाता में 70.84 रुपये और चेन्नई में 70.38 रुपये लीटर रह जायेगा.
तेल कंपनियों के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार अक्तूबर के दूसरे पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल मूल्य का औसत मूल्य जहां 121.67 डालर प्रति बैरल था वहीं 15 नवंबर को समाप्त हो रहे नवंबर के पहले पखवाड़े में यह घटकर 115.85 डालर प्रति बैरल रह गया.
अधिकारी ने कहा, ‘पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त उत्पाद है, इसके दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार की घटबढ़ के अनुरूप रखे जाते हैं, ऐसे में गिरावट का लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया जा रहा है.’ इंडियन ऑयल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम नीचे आने और रुपया-डालर विनिमय दर में अनुकूल बदलाव से पेट्रोल के दाम कम करने में मदद मिली है.
कंपनी के अनुसार, ‘पेट्रोल मूल्य में इस कटौती के बाद 16 नवंबर से शुरू होने वाले पखवाड़े के लिये इसपर किसी तरह की अंडर रिकवरी नहीं रह गई है.’ बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू रसोई गैस पर तेल कंपनियों को भारी नुकसान अब भी बना रहेगा.
बाजार मूल्य से कम दाम पर बिक्री से डीजल पर नुकसान बढ़कर 10.17 रुपये हो गया. राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर 25.66 रुपये और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर अब भी 260.50 रुपये का नुकसान तेल कंपनियां उठा रही हैं.
इंडियन ऑयल को इन तीनों उत्पादों की बाजार मूल्य से कम दाम पर बिक्री से दैनिक 199 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. पूरे वर्ष में कंपनी को 71,000 करोड़ रुपये और तीनों तेल कंपनियों को कुल मिलाकर 1,30,000 करोड़ रुपये की कम वसूली होने का अनुमान है.