देश भर में अलग-अलग राज्यों के पेट्रोल पंप असोसिएशन ने पेट्रो पदार्थों की कीमतों की रोज़ाना समीक्षा के विरूद्ध 16 जून की हड़ताल का ऐलान किया था. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ हुई मीटिंग के बाद असोसिएशन ने 16 जून की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है. मीटिंग अभी-अभी खत्म हुई है.
अब रात 12 बजे की जगह 6 बजे बदलेंगी कीमतें
धर्मेंद्र प्रधान के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया कि हाईवे को छोड़कर ज्यादातर पेट्रोल पंप रात 12 बजे तक बंद हो जाते हैं, लिहाजा रात 12 बजे की जगह कीमतें सुबह 6 बजे बदलेंगी, ताकि इस काम के लिए पेट्रोल पंपों को अलग से कोई
कर्मचारी न रखना पड़े. सुबह 6 बजे से लागू हुई कीमतें पूरे दिन और पूरी रात तक यानी कुल 24 घंटे लागू रहेंगी.
दिसंबर 2018 तक पूरा हो जाएगा ऑटोमेशन
देश में करीब 80 प्रतिशत पेट्रोल पंप अभी भी मैनुअल हैं. लिहाजा पेट्रोल पंप मालिकों की बड़ी मांग ये थी कि जब तक देश के 100 प्रतिशत पंपों का 100 प्रतिशत ऑटोमेशन नहीं हो जाता, तब तक रोज़ाना कीमतों की समीक्षा करने का ये नियम
लागू ना किया जाए. इसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने आश्वासन दिया है कि तीनों प्रमुख तेल कंपनियों को इस बात का आदेश दे दिया गया है कि दिसंबर 2018 तक देश के सारे पंपों में ऑटोमेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. ऑटोमेशन हो जाने
के बाद अलग-अलग पंपों मे कीमतें बढ़ाने-घटाने की कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी, एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से कंपनियां अपने सारे पंपों में कीमतें कैलिब्रेट कर सकेंगी.
नफे-नुकसान पर फैसला नियम लागू होने के बाद
पेट्रोल पंपों को इन्वेंटरी के हिसाब से कितना नफा या नुकसान हो रहा है इस बात की समीक्षा भी इस नियम के लागू होने के बाद यानी 16 जून के बाद की जाएगी. प्रधान ने आश्वासन दिया कि यदि पेट्रोल पंपों को घाटा होगा तो इसका भी ध्यान रखा
जाएगा.
अब अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बदलाव का असर सीधे ग्राहकों पर
पेट्रो पदार्थों की कीमतों में रोज़ाना समीक्षा के इस नियम के लागू होने के बाद पेट्रोलियम की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बदलाव का सीधा असर अब ग्राहकों पर पड़ेगा. अब तक ये बदलाव एक पखवाड़े में हुआ करता था, तो इसका सीधा असर तेल
कंपनियों पर पड़ता था. अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ें या घटें, इसका असर सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा.