दिल्ली में बुधवार को मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की बैठक हुई. इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. मंत्रियों ने कई अहम फैसले भी लिए. बैठक के दौरान बायोफ्यूल पर चर्चा तो हुई लेकिन पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा महंगाई घटाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ.
बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारों ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तेलों के दाम पर सवाल पूछा लेकिन उन्होंने जवाब देने के बजाय इस पर चुप्पी साध ली. प्रधान से पूछा गया कि तेलों के दाम घटाने के लिए सरकार कीमतें घटाएगी या टैक्स में कुछ छूट दी जाएगी? इसके जवाब में प्रधान ने कहा कि बैठक कैबिनेट के फैसलों से संबंधित थी, न कि पेट्रोल-डीजल से. हालांकि प्रधान ने कैबिनेट के उस फैसले की जानकारी जरूर दी जिसमें एथनॉल के दाम में बढ़ोतरी की गई है. मोदी सरकार ने बुधवार को एथनॉल की कीमतों में 25 फीसदी बढ़ोतरी करने का फैसला किया. माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से चीनी मिलों को फायदा मिलेगा.
Cabinet has approved ethanol price at Rs.52.43/litre, which was earlier at Rs.47.49/litre: Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan pic.twitter.com/zxS4S4WkEV
— ANI (@ANI) September 12, 2018
धर्मेंद्र प्रधान तेलों की बढ़ती कीमतों को लेकर पहले चिंता जता चुके हैं. इस दौरान उन्होंने राज्यों को वैट में कटौती करने की हिदायत दी थी. हालांकि केंद्र सरकार टैक्स घटाएगी या नहीं? इसको लेकर वह अधिकतर चुप ही रहे हैं. हालांकि उन्होंने कीमतें बढ़ने के लिए कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को वजह माना है. वे अक्सर कहते रहे हैं कि कच्चे तेल की सप्लाई करने वाले ओपेक देशों ने वादे के मुताबिक कच्चे तेल का उत्पादन नहीं किया है. इसका असर सप्लाई पर पड़ रहा है. इसकी वजह से कीमतें बढ़ रही हैं.
इससे पहले प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की बढ़ती कीमतों के लिए अमेरिका की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित है और जांच करने के लिए सभी कदम उठाया जा रहा है.'
प्रधान ने कहा, 'अमेरिका की नीतियों के कारण दुनियाभर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करेंसी की कीमतें गिर रही हैं. भारत की करेंसी भी प्रभावित हुई है और तेल की कीमत असामान्य रूप से बढ़ी हैं.' प्रधान ने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे तेल की बढ़ती कीमतें और रुपए का गिरना दोनों के पीछे बाहरी वजहें हैं.'
पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कुछ ऐसा ही जवाब दिया. उनसे जब पूछा गया कि आखिर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम कब लगेगी. इस पर उन्होंने कहा कि तेलों की कीमतों में आ रही बढ़ोतरी के लिए 'बाहरी कारण' जिम्मेदार हैं. उनके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. ये बढ़ोतरी भी अस्थायी है. हालांकि कर में में छूट का उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया.