पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी के खेल में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक शख्स पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया है और दूसरे का नाम प्रयास जैन बताया जा रहा है. इससे पहले बिजनेस घराने को फायदा पहुंचाने के लिए दस्तावेज लीक करने के आरोप में गुरुवार को दो अफसरों और तीन दलालों को गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के एक कर्मचारी से भी पूछताछ की और कंपनी के दफ्तरों पर भी छापे मारे.
जानकारी के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेजों को एक बिजनेस हाउस को फायदा पहुंचाने के लिए लीक किया जा रहा था. हालांकि, इस प्रकरण के पीछे किसका हाथ है और दस्तावेज लीक हुए या नहीं, इस बाबत अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. मंत्रालय ने भी मामले में अपनी तरफ से अभी कुछ नहीं कहा है, जबकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में कंपनियों की भूमिका हो सकती है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद सभी पांच से पूछताछ जारी है. उन्होंने कहा, 'पूछताछ में सामने आया है कि ये सभी फर्जी कागजात और डुप्लिकेट चाबी बनाकर अंदर घुसते थे. सभी आरोपी निजी कंपनियों के लिए काम करते थे.'
जिन पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से आसाराम और ईश्वर सिंह पेट्रोलियम मंत्रालय में क्लर्क और चपरासी हैं. गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक ने खुद को पत्रकार बताया है. इस व्यक्ति की मंत्रालयों में गहरी पैठ मानी जाती रही है. शास्त्री भवन में उसका काफी आना-जाना लगा रहता था. बाकी दो के तार कंपनियों से जुड़े बताए जा रहे हैं. क्राइम ब्रांच की टीम 5 आरोपियों को शास्त्री भवन के कमरा नंबर 212 और 201 में लेकर गई. मामले की परतें खोलने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम डॉक्यूमेंट चोरी के सीन को आरोपियों से दोहरा रही है.
बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच इन पांचों पर पिछले कई दिनों से नजर रखी हुई थी. फिलहाल पुलिस पांचों से पूछताछ कर रही है. माना जा रहा है कि दस्तावेजों की हेराफेरी में शामिल व्यक्तियों पर ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन का केस दर्ज कर हो सकता है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मामले में जांच हो रही है. सच सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.