पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों को कुछ समय तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा. यह बात रविवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने कही.
उन्होंने कोलकाता में एक कार्यक्रम से अलग संवाददाताओं से कहा, 'संवैधानिक तौर पर पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी प्रणाली के अंदर रहेंगे. ये उत्पाद हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए इसके प्रभाव से बाहर रहेंगे.'
उन्होंने कहा, 'जीएसटी लागू होने के बाद भी केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों पर यथावत कर लगाती रहेंगी.' जीएसटी लागू हो पाने की समय सीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी विधेयक जल्द ही पारित हो जाने की उम्मीद है.
राज्यसभा में अटका है विधेयक
उन्होंने कहा, 'यह इस पर निर्भर है कि संविधान संशोधन विधेयक कब तक पारित होता है.' जीएसटी विधेयक लोकसभा में मई में पारित हो चुका है. राज्यसभा में हालांकि सत्तापक्ष को बहुमत नहीं होने की वजह से यह वहां अटका हुआ है.
जेटली ने रविवार को फिर विधेयक पारित नहीं हो पाने का आरोप कांग्रेस पर लगाया और कहा कि विपक्ष यदि व्यवधान पैदा करने के रास्ते पर चलता रहेगा, तो संसद को विधेयक पारित करने के लिए अलग रास्ता निकालना होगा.
-इनपुट IANS से