व्यक्तिगत तौर पर छुट्टियां लिखने का चलन भले ही लगभग खत्म हो गया हो लेकिन जिन लोगों को डाक टिकट जमा करने का शौक है उनका जोश अभी भी कम नहीं हुआ है. डाक टिकट जमा करने के शौक को फिलैटिली कहते हैं और भारत सरकार के डाक विभाग के अंदर फिलैटिली का एक डिवीजन अलग से बना हुआ. डाक टिकट जमा करने के शौकीन लोग ना सिर्फ टिकट जमा करते हैं बल्कि इसे कैटलॉग करके खूबसूरती से सजाते हैं और इसकी प्रदर्शनी भी लगाते हैं. इनसे अलग-अलग समय पर जारी किए गए टिकटों के बारे में और अलग अलग जगहों के बारे में जानकारी भी हासिल होती है.
हाल के दिनों में चिट्ठियां लिखने के चलन कम होने के बाद डाक टिकट जमा करने वालों के लिए थोड़ी मुश्किल पैदा हो गई है क्योंकि टिकट आसानी से मिलते नहीं. अब जिन विद्यार्थियों को डाक टिकट जमा करने का शौक है उनके लिए अच्छी खबर है. सरकार ने ऐसे विद्यार्थियों की मदद करने के लिए दीनदयाल स्पर्श (SPARSH- Scholarship For Promotion of Aptitude and Research in Stamp as a Hobby) के नाम से एक नई योजना शुरू की है. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दिल्ली में इसकी घोषणा की.
दीनदयाल स्पर्श योजना के तहत भारत सरकार हर साल 920 बच्चों को हर महीने ₹500 यानी साल के ₹6000 देगी ताकि वो इस शौक को आगे बढ़ा सकें. इसके लिए छठी, सातवीं, आठवीं और नौवीं में पढ़ने वाले छात्र इस आधार पर चुने जाएंगे कि उन्हें पहले से डाक टिकट संग्रह करने का शौक है और वह इस पर काम करते रहे हैं. हर राज्य से अधिकतम 40 बच्चे चुने जाएंगे और हर क्लास से 10 बच्चों का चुनाव होगा.
स्कॉलरशिप के लिए चुने जाने की शर्त यह है कि वह छात्र जिस स्कूल में पढ़ता है वहां पर फिलैटिली क्लब होना चाहिए और उस छात्र छात्रा को उस क्लब का सदस्य होना चाहिए. अगर स्कूल में फिलैटिली क्लब नहीं है, तो आपने डाक टिकट के संग्रह के आधार पर विद्यार्थी खुद इसका रजिस्ट्रेशन करा सकता है और इसके लिए अप्लाई कर सकता है. इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी postagestamps.gov.in और indiapost.gov.in पर दी गई है.
जब संचार मंत्री से पूछा गया कि भारत जितने बड़े देश में इस योजना के लिए सिर्फ 920 छात्रों को स्कॉलरशिप दिए जाने का क्या कारण है और इसके लिए दी जाने वाली राशि भी सिर्फ ₹500 ही क्यों है तो मनोज सिन्हा ने कहा कि फिलहाल ये शुरुआत की गई है और अगर योजना सफल रही तो सरकार और ज्यादा बच्चों के लिए इस योजना का दायरा बढ़ा सकती है.