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अगस्ता वेस्टलैंडः सामने आया बिचौलियों का ऑडियो टेप, कहा- हम तक पहुंचने में 10 साल लग जाएंगे

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में दो बिचौलिए की फोन पर हुई बातचीत सामने आई है. इटली की एक कोर्ट ने इस ऑडियो टेप को जारी किया है. मामले की जांच में इस ऑडियो टेप की निर्णायक भूमिका रही है.

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अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले पर देश भर में बहस तेज
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले पर देश भर में बहस तेज

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अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में दो बिचौलिए को फोन पर हुई बातचीत सामने आई है. इटली की एक कोर्ट ने इस ऑडियो टेप को जारी किया है. मामले की जांच में इस ऑडियो टेप की निर्णायक भूमिका रही है. बिचौलियों की बातचीत को इटली की एजेंसी ने रिकॉर्ड किया था. बाद में इसके ट्रांसक्रिप्शन को ईडी को सौंपा गया था. 'आज तक' के पास यह बातचीत मौजूद है.

पहला ऑडियो टेप

अगस्ता वेस्टलैंड के दो बिचौलियों कार्लो गेरोसा और गाईडो हैश्के के बीच हुई बातचीत में घूस से जुड़े दस्तावेज गायब करने की बातचीत.

कार्लो गेरोसा - हमारे लेन-देन की जांच शुरू हो गई तो क्या होगा?

गाइडो हैश्के - अरे, तुम इसकी फिक्र छोड़ दो. हमने कंपनियों का ऐसा जाल तैयार किया है कि जांच की आंच हम तक कभी नहीं पहुंचेगी. और अगर, कभी ऐसा हुआ भी तो जांच को हम तक पहुंचने में 10 साल लग जाएंगे और तब तक पैसा मॉरिशस में होगा.

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कार्लो गेरोसा - हमारे बीच जो दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ है, उनका क्या होगा?

गाइडो हैश्के - हमारे और आगस्ता वेस्टलैंड की लेन-देन से जुड़े सभी दस्तावेज स्विटजरलैंड के ल्यूगानो ऑफिस से गायब कर दिए गए हैं. दस्तावेजों को मैंने अपनी मां के घर में छिपा दिया है.

कार्लो गेरोसा - बाकी बचे दस्तावेज मुझे दे देना मैं उन्हें मैं ले जाउंगा और वार्डरोब में छिपा दूंगा.

दूसरा ऑडियो टेप

इसी तरह हैश्के और गेरोसा की एक और बातचीत रिकॉर्ड की गई थी. इसमें दोनों जांच की वजह से अगस्ता वेस्टलैंड से पेमेंट को लेकर फिक्रमंद दिख रहे थे.

कार्लो गेरोसा - हैलो, हैश्के...मुझे नहीं लगता कि जांच की वजह से अगस्ता वेस्टलैंड पूरी तरह से पेमेंट करना बंद कर देंगे.

गाइडो हैश्के - हां, मुझे भी ऐसा ही लगता है. वो पेमेंट बंद नहीं करेंगे.

कार्लो गेरोसा - क्योंकि अगर ऐसा हुआ, तो ये एक तरह से अपनी गलती मानने जैसी होगी.

गाइडो हैश्के - गेरोसा, हां ये न सिर्फ गलती मानने जैसी बात होगी, बल्कि ये हमें विद्रोही भी बना देंगे, क्योंकि तब तक हमें अपनी जुबान बंद रखने की जरूरत नहीं रह जाएगी.

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तीसरा ऑडियो टेप

जांच से चिंतित गौतम खेतान को शांत करने की कोशिश करता हैश्के.

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गौतम खेतान - हैलो, हैश्के, जांच बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, मुझे डर लग रहा है.

गाइडो हैश्के - अरे घबराओ नहीं, मैंने अपना कंप्यूटर पूरी तरह साफ कर दिया है. मैंने कंप्यूटर से सारे डॉक्यूमेंट्स गायब कर दिए हैं. अब इस देश में ऐसा कोई बैंक अकाउंट की जानकारी भी नहीं है जिनसे हमारे और तुम्हारे सीधे संबंध की बात सामने आती हो.

गौतम खेतान - अब आगे क्या करना होगा?

गाइडो हैश्के - मेरे वकील ने मुझे बताया है कि अगस्ता वेस्टलैंड के ऑफिस में जाना बंद मत करो. वहां सामान्य दिनों की तरह ही जाते रहो जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. अगर ऐसा नहीं करोगे तो उन्हें शक हो जाएगा कि आखिर तुमने ऑफिस आना क्यों बंद कर दिया?

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गाइडो हैश्के
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में गाइडो हैश्के अहम बिचौलिया है. इसकी बातचीत के ऑडियो टेप को जांच टीम ने सबसे अहम माना. 560 मिलियन यूरो के इस डील में हैश्के ने ट्यूनिशिया की एक बडी कंपनी के नाम से अगस्ता वेस्टलैंड और उसके पैरेंट कंपनी फिनमैकेनिका के लिए फर्जी रसीद काटे थे. साल 2013 में वह छह महीने के लिए इटली की जेल में बंद रहा. हैश्के से भारतीय जांच एजेंसियों ने भी पूछताछ की कोशिश की थी. हैश्के इतनी आसानी से पूरा सच बताने वालों में नहीं है. उसने 'एपी' का पूरा मतलब या सही पहचान बताने से इंकार कर दिया.

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मामले में अपना जुर्म कबूल चुके हैश्के ने बताया कि घूस दिया गया था. भारतीय जांच एजेंसियों ने फिर उसतक पहुंचने की कोशिश की. इ दिनों वह स्विटजरलैंड के लुगानो स्थित अपने घर में रह रहा है.

कार्लो गेरोसा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सूत्रों के मुताबिक गाइडो हैश्को और कार्लो गेरोसा ने लंदन के बैंक से दुबई, सिंगापुर सहित कई देशों के बैंक खातों में बड़ी रकम का लेनदेन किया. डील होने से पहले इन दोनों ने मॉरीशस के पोर्ट लुईस में रजिस्टर्ड अपनी कंपनी इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजी के खातों से रकम इधर-उधर किए. सीबीआई ने अक्टूबर 2015 में दोनों के नाम से एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किया था.

गौतम खेतान
दिल्ली में रहनेवाले वकील गौतम खेतान को ईडी ने 23 सितंबर 2014 को गिरफ्तार किया था. उस पर अगस्ता वेस्टलैंड डील में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था. खेतान का नाम पनामा पेपर लीक्स में भी था. ईडी के मुताबिक खेतान चंडीगढ़ स्थित एक कंपनी एयरोमैट्रिक्स में शामिल हैं. इस कंपनी ने अगस्ता वेस्टलैंड डील में बड़ी रकम की हेरफेर की थी. सितंबर 2014 में इसे फिर गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नौ जनवरी 2015 को यह जमानत पर रिहा हो गया. पुलिस को इसके घर से मिली ब्लू डायरी में घूस की रकम बांटे जाने की जानकारी मिली. डायरी में दर्ज कुछ कोडवर्ड को ईडी ने सुलझाने का दावा किया है. इसमें दर्ज जीके का मतलब गौतम खेतान और ब्रदर्स का मतलब त्यागी ब्रदर्स था.

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