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फिजियो ने किया युवराज के बढ़ते वजन का खुलासा

खराब प्रदर्शन और फिटनेस को लेकर हाल में युवराज सिंह भले ही विवादों का केंद्र बने रहे हों, लेकिन उनके फिजियो डॉ. जतिन चौधरी ने उनके वजन बढ़ने का खुलासा करते हुए कहा कि चोट के कारण इस मध्यक्रम बल्लेबाज को किसी भी तरह के कठिन अभ्‍यास से रोक दिया गया था और फिर आईपीएल के व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालना भी क्रिकेटरों के लिये काफी मुश्किल होता था.

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खराब प्रदर्शन और फिटनेस को लेकर हाल में युवराज सिंह भले ही विवादों का केंद्र बने रहे हों, लेकिन उनके फिजियो डॉ. जतिन चौधरी ने उनके वजन बढ़ने का खुलासा करते हुए कहा कि चोट के कारण इस मध्यक्रम बल्लेबाज को किसी भी तरह के कठिन अभ्‍यास से रोक दिया गया था और फिर आईपीएल के व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालना भी क्रिकेटरों के लिये काफी मुश्किल होता था.

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श्रीलंका में 15 जून से शुरू होने वाले एशिया कप की भारतीय टीम में युवराज को ‘फिटनेस’ का हवाला देते हुए शामिल नहीं किया गया और उनकी जगह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले सौरभ तिवारी को चुना गया. महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और युवराज की चोटों को ठीक करने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ चौधरी ने कहा, ‘मैं आईपीएल में युवी के साथ था.

आईपीएल से पहले उनकी चोट ठीक करने के लिये हमने उन्हें कठिन अभ्‍यास करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.’ उन्होंने कहा, ‘युवी चोट ठीक होने के बाद लगातार खेलते रहे थे, जिससे उनकी चोट बिगड़ गयी. इसलिये हमने उन्हें ताकीद की कि अगर वह ऐसा करते रहेंगे तो मुश्किल होगी. कोई भी खिलाड़ी अगर सही व्यायाम न करे तो वजन बढ़ना लाजमी है.’ लेकिन अब उन्होंने युवराज कड़ी ट्रेनिंग की इजाजत दे दी है और यह धुरंधर क्रिकेटर सुबह नौ से 11 बजे तक योग और जिम का मिश्रित व्यायाम करता है, जिसका असर है कि उन्होंने एक हफ्ते में छह से सात किलो का वजन घटा लिया है.

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वजन संबंधी आलोचनाओं के बारे में डॉ. चौधरी ने कहा, ‘युवी ने कड़ी एक्सरसाइज शुरू कर दी है और इसका असर भी दिखायी देने लगा है. उन्होंने छह से सात किलो वजन कम कर लिया है. आने वाले दिनों में सब ठीक हो जायेगा.’ डॉ. जतिन आईपीएल के दौरान किंग्स इलेवन पंजाब के फिजियो तौर पर युवराज के साथ थे और वह मानते हैं कि ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट का कार्यक्रम इतना व्यस्त होता है कि आधे घंटे के अभ्‍यास का समय निकालना भी मुश्किल हो जाता है.

उन्होंने कहा, ‘आईपीएल में मैच, यात्रा करना और पार्टियां खिलाड़ियों के काफी थकाउ होती हैं.’ पार्टियों में क्रिकेटरों की मौजूद रहने संबंधी सवाल में उन्होंने कहा, ‘आईपीएल में पार्टियों में जाना अनिवार्य था और वहां जो भी खाना होता था, उसे खाना भी मजबूरी होता था. क्रिकेटर ‘प्रापर डाइट’ का पालन नहीं कर पाते और युवी के साथ भी यही हुआ. रात में पार्टी में रहकर सुबह उठना नामुमकिन और फिर मैचों के लिये यात्रा करने का असर उनकी (युवी) फिटनेस पर पड़ा जिन्होंने चोट के बाद वापसी की थी.’

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