पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि 2014 में कांग्रेस की हार का बीज तभी बो दिया गया था जब प्रणब मुखर्जी की जगह मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था.
'द अदर साइड ऑफ द माउनटेन'
सलमान खुर्शीद ने 'द अदर साइड ऑफ द माउनटेन' किताब लिखी है जिसमें उन्होंने मनमोहन सिंह बनाम प्रणब मुखर्जी का मुद्दा उठाया है. किताब में उन्होंने लिखा है कि मुखर्जी की जगह पर
मनमोहन का प्रधानमंत्री बनाया जाना बहुत से लोगों के लिए चौंका देने वाला फैसला था. कई लोगों को लगता है कि अगर प्रधानमंत्री कोई और होता तो पार्टी 2014 कि
शिकस्त से बच सकती थी.
वित्त मंत्री बनकर मनमोहन ने लूटी वाहवाही
साथ ही खुर्शीद ने ये भी लिखा है कि बुरा हो इससे पहले संभल जाना बेहतर होता है. हमें नहीं भूलना चाहिए कि कैसे देश ने नरसिम्हा राव के जमाने में मनमोहन सिंह की वित्त मंत्री की भूमिका को खूब सराहा था.
प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार
वर्ष 2004 में प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे. इसका कारण उनका अनुभव और उनकी वरिष्ठता थी. लेकिन नेतृत्व में 'अविश्वास' के रहते वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके. हालांकि मुखर्जी कांग्रेस और यूपीए कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं. उन्होंने संस्थागत और सरकारी योजनाओं पर जिस तरह का योगदान दिया वह भी सराहनीय रहा है. हालांकि यूपीए 2 के दौर में उन्हें नेतृत्व की ओर से मनोनीत कर राष्ट्रपति चुनाव में धकेला गया था.