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तंबाकू उत्पाद पर 85 फीसदी पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य

एक अप्रैल से सभी तंबाकू के प्रोडक्ट पर 85 फीसदी पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य हो गया है. हालांकि, बाजारों में बिकने वाले तंबाकू के तमाम प्रोडक्ट पर इसका असर फिलहाल नहीं होगा. इसके निर्माताओं को पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया गया है.

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एक अप्रैल से तंबाकू उत्पादों पर पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य
एक अप्रैल से तंबाकू उत्पादों पर पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य

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एक अप्रैल से सभी तंबाकू के प्रोडक्ट पर 85 फीसदी पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य हो गया है. हालांकि, बाजारों में बिकने वाले तंबाकू के तमाम प्रोडक्ट पर इसका असर फिलहाल नहीं होगा. इसके निर्माताओं को पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया गया है.

पिछले साल जारी हुआ था नोटिफिकेशन
हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से पिछले साल अक्टूबर में एक नोटिफिकेशन के जरिये सभी तंबाकू प्रोडक्ट पर एक अप्रैल 2016 से 85 फीसदी पिक्टोरियल वॉर्निंग छापना अनिवार्य किया है. इसके लिए सिगरेट और तंबाकू से बने सामान अधिनियम 2003 में बदलाव कर नया कानून बनाया गया है, जिसके तहत सभी प्रोडक्ट पर तंबाकू से होने वाले नुकसान, बीमारियों के बारे में 60 फीसदी चेतावनी देती तस्वीरें और 25 फीसदी लिखित जानकारी छापनी होगी.

3 महीने में खत्म करना होगा पुराना स्टॉक
वैसे तो ये कानून देशभर में 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा, लेकिन संभव है कि बाजारों में बिकने वाले प्रोडक्ट्स में ये न नजर आए, क्योंकि सभी निर्माताओं को पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है. हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक, नए बैच के तंबाकू प्रोडेक्ट पर अगर एक अप्रैल लिखा होगा, तो उसपर पिक्टोरियल वॉर्निंग छापनी जरूरी होगी.

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क्यों बना नया कानून
अक्टूबर 2014 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पिक्टोरियल वॉर्निंग को 1 अप्रैल 2015 ले लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन तब ये कानून लागू नहीं किया जा सका. इसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट मे इस बारे में एक याचिका दायर हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस कानून को लागू करने के लिए काम शुरू किया. अब शुक्रवार से ये कानून लागू हो रहा है. तंबाकू प्रोड्क्ट बनाने वाली कंपनियों को मिनिस्टरी की तरफ से नए कानून की कॉपियां और पिक्टोरियल वॉर्निग की सीडी भी दी जा रही हैं.

कानून में हो सकता है बदलाव
पार्लियामेंट हेल्थ कमेटी ने 50 फीसदी पिक्टोरियल वॉर्निंग की सिफारिश की है. इन सिफारिशों पर अमल करने या ना करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के पास अभी 3 महीने का समय है. एक अधिकारी के मुताबिक, वॉर्निंग फीसदी कम करने के लिए मंत्रालय से बातचीत चल रही है. संभव है कि तीन महीने के अंदर इस कानून में थोड़ा बदलाव आए.

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