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वाड्रा लैंड डील की सीबीआई जांच की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने राबर्ट वाड्रा को आवंटित भूमि सहित हरियाणा में भूमि आवंटन की जांच सीबीआई से कराने संबंधी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट दी है. नाराज कोर्ट ने याचिकाकर्ता की खिंचाई करते हुए कहा कि जनहित याचिका का मतलब निजी स्वार्थ पूरे करना या सस्ती लोकप्रियता हासिल करना नहीं है.

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रॉबर्ट वाड्रा
रॉबर्ट वाड्रा

सुप्रीम कोर्ट ने राबर्ट वाड्रा को आवंटित भूमि सहित हरियाणा में भूमि आवंटन की जांच सीबीआई से कराने संबंधी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट दी है. नाराज कोर्ट ने याचिकाकर्ता की खिंचाई करते हुए कहा कि जनहित याचिका का मतलब निजी स्वार्थ पूरे करना या सस्ती लोकप्रियता हासिल करना नहीं है.

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कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए दो टूक कहा कि हम जनहित याचिका की आड़ में किसी को बदनाम करने की इजाजत नहीं दे सकते, और वो भी सिर्फ इस दलील पर कि उसका संबंध किसी राजनीतिक परिवार से है. इस आधार पर किसी को कसूरवार या पापी नहीं ठहराया जा सकता.

ये दलीलें दी थी याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने-
1. हरियाणा में हुए भूमि आवंटन पर सीएजी ने भी अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाये हैं.
2. जमीन हासिल करने वालों में गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा भी शामिल हैं.
3. हरियाणा सरकार इसकी समुचित जांच नहीं करा रही है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश पारित करे.

इस पूरे मामले में सीबीआई की भी दलील सुनने के बाद जस्टिस एच एल दत्तू की पीठ ने साफ कहा कि सीएजी की जिस रिपोर्ट का हवाला याचिकाकर्ता दे रहा है वो रिपोर्ट पूरी फाइल में कहीं भी नहीं है. ऐसे हवा में आरोप नहीं लगाये जा सकते. कोर्ट ने कहा कि हम इसे नहीं सुन सकते क्योंकि देश के सामने और भी बड़ी और गंभीर समस्याएं हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि जनहित याचिका का मकसद ये तो कतई नहीं है कि लोग इसकी आड़ लेकर अपने स्वार्थ पूरे करें या इस कानूनी प्रावधान को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथियार बना लें। कोर्ट ने कहा कि ये किसी भी सूरत में उचित नहीं हैं और कोर्ट इसकी कतई इजाजत नहीं देगा.

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