नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम जैसे ऑनलाइन टीवी और फिल्म प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री को रेगुलेट करने की मांग उठी है. इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है.
जस्टिस फॉर राइट्स नामक एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि रेगुलेशन की कमी की वजह से ये प्लेटफॉर्म 'पूरी तरह से अश्लील, धार्मिक रूप से वर्जित और अनैतिक' कॉन्टेंट दिखा रहे हैं.
एडवोकेट एच.एस. होरा के माध्यम से दायर इस याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेश होने वाली सामग्री में भारतीय दंड संहिता (IPC), इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, महिलाओं की अभ्रद छवि पेश करने के बारे में एक्ट जैसे कई प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है.
स्वयंसेवी संस्था ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह तत्काल इन पोर्टल से कानूनी रूप से प्रतिबंधित सामग्री हटवाने के लिए आदेश दे. इस मामले पर हाईकोर्ट ने 14 नवंबर से सुनवाई करने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि इसके पहले इसी महीने बॉम्बे हाईकोर्ट में आई इसी तरह की एक याचिका पर कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और आईटी मंत्रालय को नोटिस जारी किया था.
हालांकि, कुछ दिनों पहले एक याचिका में जब यह दावा किया गया था कि नेटफ्लिक्स के वेब शो 'सैक्रेड गेम्स' के कुछ डायलॉग से एक पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान हुआ है, तो कोर्ट ने इस पर कोई कार्रवाई करने से इंकार किया था.