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'पद्मावत' में जोहर से जुड़े सीन हटवाने के लिए स्वामी अग्निवेश की HC में याचिका

याचिका में न सिर्फ पदमावत फिल्म में सती प्रथा को महिमामंडित का विरोध किया गया है और सती होने से जुड़े दृश्यों को काटने की मांग की गई है बल्कि, फिल्म निर्माता अजीत, अंधारे और निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत रिलीज होने के बाद भी विवादों में है. हाल ही में हाइकोर्ट में स्वामी अग्निवेश ने फिल्म से कुछ सीन्स को हटाने को लेकर याचिका दायर की है. याचिका में अग्निवेश ने कहा है कि पद्मावत फिल्म में सती प्रथा का महिमामंडन किया गया है, लिहाजा फिल्म के उस सीन्स को काट दिया जाए जहां पर रानी पद्मिनी को जोहर कर दिखाया गया है.

हालांकि, हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दहेजा हत्या, बाल मजदूरी समेत अनगिनत समस्याएं हैं. यहां बवाना में एक फैक्ट्री में जलकर 17 लोगों की मौत हो गई. यहां बंधुआ मजदूरी की समस्या है. भगवान करे यहां सती प्रथा जैसा कुछ न हो. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके पदमावत फिल्म में सती प्रथा को महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए दायर जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 22 फरवरी को इस पर अपना फैसला सुनाएगी.

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याचिका में न सिर्फ पदमावत फिल्म में सती प्रथा को महिमामंडित का विरोध किया गया है और सती होने से जुड़े दृश्यों को काटने की मांग की गई है बल्कि, फिल्म निर्माता अजीत, अंधारे और निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई है. याचिकाकर्ता स्वामी अग्निवेश का कहना है कि फिल्म निर्माताओं ने सती एक्ट 1987 का उल्लंघन भी किया है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि दिल्ली में पहले ही इतनी समस्याएं हैं. क्यों नहीं कोर्ट बच्चों और महिलाओं के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट इन मुद्दों पर काम करते हैं और याचिका दायर करते हैं. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 4 सितंबर 1987 में राजस्थान, सिकर जिले के देवरा गांव की रूप कंवर (18) ने अपने पति प्यारे के लिए सती हुई थी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली से देवरा मार्च किया था. उन्होंने बाल मजूदरी पर काम किया है.

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