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यहां मिले रेलवे ट्रैक पर पिलर, रेलकर्मियों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

ट्रैक पेट्रोलिंग कर्मचारियों ने इस साजिश को विफल कर दिया. रेल कर्मी मंजूर आलम और रमेश प्रजापति ने रेल ट्रैक पर रखे एक मीटर के दो पत्थर देखे. जब इन दोनों ने उन पत्थरों के स्लैब को हटाने की कोशिश की तो आसपास में छिपे 3-4 लोगों ने इन दोनों के पास पहुंचकर गालियां देना शुरु कर दिया.

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ट्रैक ठीक होने तक रुका रहा रेल का परिचालन
ट्रैक ठीक होने तक रुका रहा रेल का परिचालन

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रेलवे ने हाल में हुए रेल हादसों के पीछे तोड़फोड़ की आशंका से इनकार नहीं किया है. क्योंकि ऐसी कुछ घटनाएं हाल के दिनों में हुई हैं. इससे साफ होता है कि कुछ शरारती तत्व रेल हादसे की साजिश में जुटे हुए हैं. रविवार की रात 12.20 बजे समस्तीपुर रेलखंड पर साठाजगत और दलसिंह सराय स्टेशन के बीच रेलपुल संख्या 20 के अप लाइन ट्रैक पर एक मीटर लंबे दो बड़े पत्थर (पिलर) दिखे. गनीमत रही कि समय रहते पेट्रोलिंग पार्टी ने पटरी पर रखे पत्थरों को देख लिया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक डीके गायेन ने यह जानकारी दी है.

बीते एक अक्टूबर को रक्सौल दरभंगा रेलखण्ड पर घोड़ासाहन के पास बम से पैसेंजर ट्रेन को उड़ाने की साजिश हुई. हालांकि समय रहते बम को डिटेक्ट कर लिया गया जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बच गई. जांच में पता चला कि इसके पीछे आईएसआई का हाथ था. हाल के दिनों में रेल हादसों के कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें जानमाल की भारी क्षति हुई. इसमें 20 नवंबर 2016 को इंदौर पटना एक्सप्रेस कानपुर-झांसी रेलखंड पर पुखरायां के पास दुर्घटनाग्रस्त होने और 28 दिसंबर 2016 को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना शामिल है. इन हादसों के पीछे किसी साजिश की आशंका है जिसकी जांच जारी है.

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समस्तीपुर में रेल हादसा कराने की यह साजिश काफी खतरनाक है. ट्रैक पेट्रोलिंग कर्मचारियों ने इस साजिश को विफल कर दिया. रेल कर्मी मंजूर आलम और रमेश प्रजापति ने रेल ट्रैक पर रखे एक मीटर के दो पत्थर देखे. जब इन दोनों ने उन पत्थरों के स्लैब को हटाने की कोशिश की तो आसपास में छिपे 3-4 लोगों ने इन दोनों के पास पहुंचकर गालियां देना शुरु कर दिया. जिसके बाद रेलकर्मी भाग कर दलसिंह सराय स्टेशन पहुंचे और आरपीएफ को इसकी सूचना दी.

मुजफ्फरपुर-भागलपुर एक्सप्रेस को गुजरना था

साजिश का खुलासा होने के बाद ट्रैक पर रेल परिचालन रोक दिया गया. बाद में उस स्लैब को हटाया गया तब जाकर रेल का परिचालन शुरू हो पाया. अगर रेल कर्मचारियों ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो बड़ी रेल दुर्घटना हो सकती थी. उसी समय वहां से मुजफ्फरपुर-भागलपुर एक्सप्रेस गुजरने वाली थी. 16 बोगियों की ट्रेन में लगभग एक हजार यात्री सवार थे.

हाजीपुर के महाप्रबंधक डी के गायेन ने कहा कि हाल ही घटनाओं को देखते हुए ट्रैक की सुरक्षा के लिए लगातार पैट्रौलिंग का काम किया जा रहा है. उन्होंने ये तो नहीं कहा कि कानपुर के रेल हादसे के पीछे कोई साजिश है लेकिन जिस तरह के सबूत सामने आ रहे हैं उससे ट्रैक पर तोड़फोड़ की आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता है.

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