दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 37 साल पुराने एक प्लेन हाईजैक के मामले में दो लोगों को बरी कर दिया है. दोनों को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है.
इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'मैं दिल्ली कोर्ट के सतनाम सिंह और तेजिंदर पाल को बरी करने के फैसले का स्वागत करता हूं, इस मामले में वो पहले ही पाकिस्तान में सजा काट चुके हैं.'
I welcome Delhi Court’s order acquitting Satnam Singh and Tejinder Pal Singh, accused in 37-year-old AI hijacking case. They had already served life terms in Pakistan and could not be punished again for the same crime.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 27, 2018
दरअसल यह मामला 1981 का है जब दिल्ली से श्रीनगर जा रहे एक प्लेन को पांच सिखों ने हाईजैक करके पाकिस्तान के लाहौर में उतरवाया था. खालिस्तानी समर्थक प्लेन हाईजैकर्स जरनैल सिंह भिंडरवाला को जेल से छुड़ाने की मांग कर रहे थे.
हालांकि प्लेन के लाहौर में पहुंचने के बाद पाकिस्तानी कमांडो ने इन सभी हाईजैकर्स को धर दबोचा था और उनके खिलाफ मुकदमा भी पाकिस्तान में ही चला. हाईजैकिंग के केस में सभी को 14 साल की उम्र कैद भी काटनी पड़ी थी.
आरोप साबित होने के बाद दोषी साबित हुए हाईजैकर्स पाकिस्तान की जेल से अपनी 14 साल की उम्र कैद काटने के बाद बाहर निकले तो उनमें से दो आरोपी कनाडा और अमेरिका पहुंच गए. बाद में वहां की सरकारों ने इनको भारत भेजा. भारत सरकार ने इनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया लेकिन सबूतों के अभाव में सतनाम सिंह और तेजिंदर पाल सिंह को पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया है.
कोर्ट ने माना कि प्लेन को हाइजैक करने के मामले में यह सभी आरोपी पहले ही पाकिस्तान में सजा काट चुके हैं. आरोपियों के वकील की तरफ से यही कोर्ट में यह दलील दी गई कि इस अपराध के लिए काट आरोपी उम्रकैद की अधिकतम सजा काट चुके हैं लिहाजा इस मामले में अब दूसरी सजा देना उनके साथ अन्याय होगा.
दिलचस्प यह भी है कि जिस वक्त 1981 में प्लेन को हाइजैक किया गया उस वक्त भारत में इस अपराध की सजा सिर्फ 6 महीने थी लेकिन क्योंकि मामला पाकिस्तान में चला इसलिए इन सभी को उम्रकैद की सजा दी गई. जिस प्लेन को हाइजैक किया गया था उसमें 111 यात्री सवार थे जबकि 6 क्रू मेंबर्स थे. इस मामले से जुड़े बाकी और तीन प्लेन हाईजैकर्स गजेंद्र सिंह, जसवीर सिंह और करण सिंह कभी भारत लौटे ही नहीं. इसलिए उनके खिलाफ भारत की कोर्ट में मुकदमा शुरू ही नहीं हुआ.